Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कान फिल्म फेस्ट‍िवल : सुनहरे पाम के पत्ते की छांव

हमें फॉलो करें कान फिल्म फेस्ट‍िवल : सुनहरे पाम के पत्ते की छांव
प्रज्ञा मिश्रा 
शुक्रवार को शॉन पैन की फिल्म "द लास्ट फेस " का प्रीमियर हुआ। फिल्म अफ्रीका में चल रहे सिविल वॉर की कहानी है, लेकिन इसी युद्ध के दौरान दो डॉक्टर किस तरह नजदीक आते हैं और अंत में किन मजबूरियों के चलते अलग हो जाते हैं। 2 घंटे की इस फिल्म में अफ्रीका की लड़ाई इस खतरनाक सच्चाई के साथ सामने आती है कि कई बार कलेजा मुंह को आ जाता है।

 
फिल्म की शुरुआत में एक यकीन सा होता है कि कुछ बेहतर देखकर निकलेंगे, लेकिन जैसे-जैसे फिल्म अंत की ओर पहुंचती है यह झूठा वादा ही साबित होता है। इस तरह के ड्रामे सामाजिक तनाव के परदे पर हम कई-कई बार देख चुके हैं। कुछ भी ऐसा अनोखा नहीं है जो हैरान कर दे। फिल्म के दौरान ही आस-पास के माहौल का एहसास होने लगता है, लेकिन फिल्म के खत्म होते ही कुछ लोगों ने "बू-बू" करके हूटिंग करी।
 
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इसी साल अमरीकी फिल्म "अमेरिकन हनी" "पर्सनल शॉपर" और फ्रेंच फिल्म "स्लैक बे" को भी हूटिंग मिली है। कान फिल्म फेस्टिवल में हूटिंग का मतलब फिल्म का आने वाल समय मुश्किल में है। पिछले साल ही अमेरिकन फिल्म "ट्री ऑफ लाइफ" को इतनी हूटिंग मिली, कि फिल्म उसके बाद बिक ही नहीं पाई। 
 
खैर अगर इसी साल की बात करें तो पर्सनल शॉपर को जहां सिनेमा हॉल में हूटिंग मिली वहीं उसे कुछ क्रिटिक ने बहुत सराहा है। ऐसा ही कुछ डेनमार्क की फिल्म "नीयन डेमॉन " के साथ भी हुआ। एक गप है जो फिल्म को बहुत बुरा और बकवास बता रहा है। लेकिन वहीं उसी हॉल में कुछ लोग उसकी तारीफ के पुल बांध रहे हैं।
 
अगर क्रिटिक और आम जनता में मतभेद हो तो समझ भी आता है कि देखने का नजरिया अलग हो सकता है। लेकिन जब ऐसे मौके सामने आते हैं और इनकी कोई कमी नहीं है, तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं की आखिर कौन सही है ??
 
आम तौर पर किसी भी फिल्म को पसंद और न पसंद करने वाले मिल ही जाते हैं। बहुत कम ही ऐसे मौके होते हैं जब पूरा हॉल एक फिल्म के लिए वाह-वाह कर उठा हो। 
 
टर्की की फिल्म "विंटर स्लीप" और फ्रेंच फिल्म "अमोर" ही ऐसी कुछ गिनी चुनी फिल्में हैं जिनको क्रिटिक ने 4 या 5 स्टार रेटिंग दी। इस साल के फेस्टिवल में कई बेहतरीन फिल्में आई और यही वजह है कि लोगों (क्रिटिक) की पसंद भी इतनी बंटी हुई है, कि किसी एक फिल्म पर कोई भी दांव नहीं लग रहा है। 
 
रोमानिया की फिल्म "ग्रेजुएशन", अमेरिका की फिल्म "पैटरसन" और जर्मन फिल्म "टोनी अर्डमैन" रेस में सबसे आगे है। रविवार की शाम पता चलेगा कि सोने से बने उस पाम के पत्ते की छांव किसे मिलती है। 


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

व्हाट्स एप कॉर्नर : एग्जाम और ब्रेकफास्ट...