वास्तु ऊर्जा जो पाँच तत्वों के माध्यम से भवन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को चाहे वह नौकर ही क्यों न हो, अच्छा-बुरा परिणाम देती हैं-
1. उत्तर और पूर्वी दिशा में कम से कम भार या सामान रखने से नौकर मन लगाकर कार्य को अंजाम देते हैं, तथा उन्हें प्रसन्नता प्राप्त होती है।
2. दक्षिण-पश्चिम दिशाओं में नौकर का कमरा नहीं होना चाहिए, यह स्थिति उसे हानिप्रद व उत्तेजित बनाएँगी, जिससे वह अवैध कार्यों को अंजाम दे सकता है।
3. आज बहुधा लोग नौकर को जहाँ-तहाँ ठहरने के लिए स्थान बना देते हैं, जो सुविधा से ठीक हो सकता है, मगर वास्तु के दृष्टिकोण से वह हानिकारक व नौकर के लिए प्रतिकूल रहता है।
4. ईशान कोण कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। इसलिए इस दिशा में निर्माण से पहले या बाद में या निर्माण के दौरान इसे ऊँचा नहीं बनाएँ, यह शुभ नहीं माना गया है।