वास्तु की दृष्टि से भवन निर्माण के समय पांच प्राकृतिक तत्वों का ठीक अनुपात रखें तो हर तत्व का हम समुचित लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इनमें भी जल व अग्नि का महत्व सबसे अधिक है। फिर भी इससे दूसरे तत्वों का महत्व कम नहीं होता।
जल तत्व से घर की शांति बनी रहती है।
अग्नि तत्व से घर में कलह, खर्चे, काम करने की क्षमता आती है।
पृथ्वी तत्व से घर की स्थिरता, काम की स्थिरता बनी रहती है।
वायु तत्व से घूमने-फिरने की आदत, चंचलता बढ़ती है।
आकाश तत्व से अच्छी सोच, सपने साकार करने की क्षमता आती है। आकाश तत्व घर के मध्य में आता है। बाकी तत्व पूर्ण रूप से उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम व दक्षिण-पश्चिम दिशाओं पर अपना प्रभुत्व बनाए रहते हैं।