तंदुरुस्ती को हजार नियामत कहा गया है लेकिन यह नियामत तभी नसीब हो सकती है जब आप साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। इसका मतलब आज सिर्फ घर को कूड़े-करकट और अन्य कचरे से मुक्त रखना ही नहीं है बल्कि घर में चीजों को इस हिसाब से व्यवस्थित करने से भी है जिससे देखने वाले देखते रह जाएं और सेहत पर उसका अनुकूल असर भी हो।
घर के कमरों को स्वच्छ रखने के साथ ही यह भी बेहद जरूरी है कि वहां रखी चीजों को अत्यंत आकर्षक और व्यवस्थित ढंग से रखा जाए। यदि कमरे में चीजें साफ-सुथरी और व्यवस्थित ढंग से रखी हों तो इसका मन पर अत्यंत सकारात्मक असर पड़ता है। ऐसे माहौल में रहने वाला व्यक्ति प्रसन्नचित रहता है और यह तन मन को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी है। घर में सकारात्मक उर्जा के लिए कमरे पूरी तरह साफ-सुथरे होने चाहिए।
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स्वच्छता का सीधा संबंध मन से है और यदि मन स्वस्थ रहेगा तो शरीर भी स्वस्थ रहेगा। यदि घर के कमरों में गंदगी होगी तो इससे मन में उदासी रहेगी और कई तरह के संक्रमण भी हो सकते हैं। मन के दुखी रहने पर व्यक्ति अवसाद सहित कई तरह के मनोविकारों से घिर सकता है।
यदि किसी कमरे में कूड़ा कचरा पड़ा हो या धूल के कणों की भरमार हो तो यह शरीर के लिए भी काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। कमरा व्यवस्थित रखने की आदत व्यक्ति की सुलझी हुई सोच की भी परिचायक होती है। घर के कमरों में कबाड़ और मैली-कुचैली चीजों को नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे नकारात्मक उर्जा का प्रवाह होता है।