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घर की सुख-शांति की बात, वास्तु के साथ

ताकि बना रहे प्रेम-समृद्धि और विश्वास

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आशियाना बनाने भू-खंड के चयन से लेकर निर्माण के बाद तक वास्तु के महत्व को अब लोग खासा महत्व देने लगे हैं।

इस पर विश्वास करने वालों की मानें तो घर में सुख-शांति, अच्छी नौकरी, कॅरियर, बिजनेस, धन-सम्पत्ति और स्वस्थ रहने के लिए वास्तु विशेष सहायक है।

वास्तु विशेषज्ञों के मुताबिक भी इसके अनेक फायदे हैं। यही वजह है कि लोग अब मकान निर्माण से पहले इसकी विशेषज्ञों से इस सलाह ले रहे हैं।

जिस प्रकार अनुलोम-विलोम करने से शरीर की आंतरिक सफाई होती है, उसी तरह घर में वास्तु अनुसार स्वच्छता रखने से घर की शांति और समृद्धि बढ़ती है। पेश है उपयोगी टिप्स :

पुरानी लकड़ी, जंग लगा लोहा और पुरानी ईंटों का इस्तेमाल न करें।

गेस्ट रूम सदैव पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम में बनाना चाहिए। वैसे वायव्य कोण भी आने-जाने वालों के लिए उत्तम स्थान है।

भवन-मकान की पूर्व दिशा में फलदार या ऊंचे उठने वाले पे़ड़ लगाना शुभ होता है। यह पे़ड़ पश्चिम दिशा में नहीं होने चाहिए।

घर की नकदी और बहुमूल्य कागजात आदि के लिए सेफ या अलमारी आदि सदैव उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए।

स्टोर रूम दक्षिण दिशा या आग्नेय कोणों में बनाया जा सकता है, बशर्ते वहां किचन के उपयोग की सामग्री रखी जाए।

घर में पुराने या टूटे-फूटे बर्तन न रखें।

आग्नेय में किचन की स्थिति बहुत शुभ होती है।

पूजा के मंदिर को उत्तर या पूर्व के बीच की दिशा में रखना चाहिए।

शयन कक्ष में दर्पण नहीं लगा होना चाहिए, इससे पति-पत्नी के संबंधों में खटास पैदा होती है।

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