Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

राजा हरिहर प्रथम जो थे 'दो समुद्रों के अधिपति'

हमें फॉलो करें राजा हरिहर प्रथम जो थे 'दो समुद्रों के अधिपति'

अनिरुद्ध जोशी

विजयनगर साम्राज्य (लगभग 1350 ई. से 1565 ई.)। 'विजयनगर' का अर्थ होता है 'जीत का शहर'। मध्ययुग के इस शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य की स्थापना के बाद से ही इस पर लगातार आक्रमण हुए लेकिन इस साम्राज्य के राजाओं से इसका कड़ा जवाब दिया। यह साम्राज्य कभी दूसरों के अधीन नहीं रहा। इसकी राजधानी को कई बार मिट्टी में मिला दिया गया लेकिन यह फिर खड़ा कर दिया गया। हम्पी के मंदिरों और महलों के खंडहरों को देखकर जाना जा सकता है कि यह कितना भव्य रहा होगा। इसे यूनेस्को ने विश्‍व धरोहर में शामिल किया है।
 
राजा हरिहर :
1. विजयनगर साम्राज्य की स्थापना राजा हरिहर प्रथम ने 1336 में की थी। विजयनगर दुनिया के सबसे भव्य शहरों में से एक था।
 
2. इतिहासकारों के अनुसार विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 5 भाइयों वाले परिवार के 2 सदस्यों हरिहर और बुक्का ने की थी। वे वारंगल के ककातीयों के सामंत थे और बाद में आधुनिक कर्नाटक में काम्पिली राज्य में मंत्री बने थे। जब एक मुसलमान विद्रोही को शरण देने पर मुहम्मद तुगलक ने काम्पिली को रौंद डाला, तो इन दोनों भाइयों को भी बंदी बना लिया गया था।
 
3. यह भी जनश्रुति है कि दोनों भाइयों को इस्लाम स्वीकार करना पड़ा और बाद में तुगलक ने इन्हें वहीं विद्रोहियों को दबाने के लिए नियुक्त कर दिया। तब मदुराई के एक मुसलमान गवर्नर ने स्वयं को स्वतंत्र घोषित कर दिया था और मैसूर के होइसल और वारगंल के शासक भी स्वतंत्र होने की कोशिश कर रहे थे।
 
4. कुछ समय बाद ही हरिहर और बुक्का ने अपने नए स्वामी और धर्म को छोड़ दिया। उनके गुरु विद्यारण के प्रयत्न से उनकी शुद्धि हुई और उन्होंने विजयनगर में अपनी राजधानी स्थापित की।
 
 
5. विजयनगर साम्राज्य की स्थापना में हरिहर प्रथम को दो ब्राह्मण आचार्यों- माधव विद्याराय और उसके ख्यातिप्राप्त भाई वेदों के भाष्यकार 'सायण' से भी मदद मिली थी। 
 
6. हरिहर प्रथम ने अपनी शक्ति और राज्य के सहयोग के दम पर आसपास के सभी क्षेत्रों पर अपना आधिपत्त जमा लिया। हरिहर को बाद में 'दो समुद्रों का अधिपति' कहा जाने लगा।
 
7. अनेगुंडी के स्थान पर इस साम्राज्य का प्रसिद्ध नगर विजयनगर बनाया गया था, जो राज्य की राजधानी थी। बादामी, उदयगिरि एवं गूटी में बेहद शक्तिशाली दुर्ग बनाए गए थे।
 
 
8. हरिहर ने होयसल राज्य को अपने राज्य में मिलाकर कदम्ब एवं मदुरा पर विजय प्राप्त की थी। दक्षिण भारत की कृष्णा नदी की सहायक तुंगभद्रा नदी इस साम्राज्य की प्रमुख नदी थी।
 
9. हरिहर के बाद बुक्का सम्राट बना। उसने तमिलनाडु का राज्य विजयनगर साम्राज्य में मिला लिया। कृष्णा नदी को विजयनगर तथा मुस्लिम बहमनी की सीमा मान ली गई। इस साम्राज्य में बौद्ध, जैन और हिन्दू खुद को मुस्लिम आक्रमणों से सुरक्षित मानते थे।
 
 
10. इस साम्राज्य की स्थापना का उद्देश्य दक्षिण भारतीयों के विरुद्ध होने वाले राजनीतिक तथा सांस्कृतिक आंदोलन के परिणामस्वरूप संगम पुत्र हरिहर एवं बुक्का द्वारा तुंगभद्रा नदी के उत्तरी तट पर स्थित अनेगुंडी दुर्ग के सम्मुख की गई।
 
बुक्करायजी के निधन के बाद हरिहरजी के पुत्र ने आगे राज्य चलाया। तीन वंश : इसके बाद इस साम्राज्य में 3 वंशों का शासन चला- शाल्व वंश, तुलुव वंश और अरविंदु वंश। तुलुव वंश में महान सम्राट कृष्णदेवराय हुए जिन्होंने इस साम्राज्य को और भी मजबूत किया। इन्हीं के राज्य में बुद्धिमान तेनालीराम इनका मंत्री था। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नेफ़्टाली बेनेट कौन हैं, जो बन सकते हैं इसराइल के नए प्रधानमंत्री