Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(शीतला अष्टमी)
  • तिथि- वैशाख कृष्ण अष्टमी
  • शुभ समय- 6:00 से 9:11, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-शीतला अष्टमी, बसोड़ा, श्रमिक दि., मई दि., गुजरात, महाराष्ट्र स्था.दि.
  • राहुकाल- दोप. 12:00 से 1:30 बजे तक
webdunia
Advertiesment

भौमवती अमावस्या : इन 5 सरल उपायों से होंगे पितृ प्रसन्न...

हमें फॉलो करें भौमवती अमावस्या : इन 5 सरल उपायों से होंगे पितृ प्रसन्न...
वर्षभर में प्रत्येक मास में एक अमावस्या होती है। मंगलवार के दिन आने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है।

मार्गशीर्ष (अगहन) मास की यह अमावस्या मंगलवार, 29 नवंबर को आ रही है। शास्त्रों के अनुसार यह अमावस्या तिथि, अत्यंत पवित्र तिथि मानी गई है। इस दिन विशेष तौर पर पितरों की शांति के उपाय किए जाते हैं। 


 
मंगलवारी अमावस्या के दिन पितरों का पूजन-अर्चन करने से मनुष्य पितृ ऋण से मुक्त हो जाता है तथा पितृ भी
प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और पिंड दान तथा दान देने का भी खास मह‍त्व है।

विष्णु पुराण के अनुसार अमावस्या का उपवास रखने से पितृगण के साथ-साथ सूर्य, अग्नि, वायु, ब्रह्मा, इंद्र, रुद्र, अष्टवसु, अश्विनी कुमार, ऋषि तृप्त होकर प्रसन्न होते है तथा सुखी रहने का आशीर्वाद भी देते हैं।  
 
आगे पढ़ें अमावस्या के दिन क्या करें... 
 
 
webdunia

 


* अमावस्या के दिन सूर्य देव को तांबे के लोटे में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर 'ॐ पितृभ्य: नम:' का बीज मंत्र पढ़ते हुए तीन बार अर्घ्य देना फलदायी माना जाता है। 
 
* इस दिन पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें। 
 
* 'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का 108 बार जाप करना शुभ फल प्रदान करता है।
 
* अमावस्या को दक्षिणाभिमुख होकर दिवंगत पितरों के लिए पितृ तर्पण करना चाहिए। 
 
* इस दिन पितृसूक्त तथा पितृस्तोत्र का पाठ करना चाहिए। 

 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मां बगुलामुखी की सरलतम तांत्रिक प्रयोग- साधना और पूजा