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ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के 10 अनमोल वचन

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Ishwar Chandra Vidyasagar
 
आज ही के दिन प्रसिद्ध समाज सुधारक, शिक्षाशास्त्री और स्वाधीनता सेनानी ईश्वर चन्द्र विद्यासागर का निधन हुआ था। यहां पढ़ें उनके 10 अनमोल वचन- 
 
1. 'अपने हित से पहले, समाज और देश के हित को देखना ही एक विवेक युक्त सच्चे नागरिक का धर्म होता है'।
 
2. 'बिना कष्ट के ये जीवन एक बिना नाविक के नाव जैसा है, जिसमे खुद का कोई विवेक नहीं। एक हल्के हवा के झोके में भी चल देता है'।
 
3. 'एक मनुष्य का सबसे बड़ा कर्म दूसरों की भलाई और सहयोग होना चाहिए, जो एक संपन्न राष्ट्र का निमार्ण करता है'।
 
4. 'विद्या' सबसे अनमोल ‘धन’ है, इसके आने मात्र से ही सिर्फ अपना ही नही अपितु पूरे समाज का कल्याण होता है'।
 
5. 'समस्त जीवों में मनुष्य सर्वश्रेष्ठ बताया गया है, क्योंकि उसके पास आत्मविवेक और आत्मज्ञान है'।
 
6. 'कोई मनुष्य अगर बड़ा बनना चाहता है, तो छोटे से छोटा काम भी करें, क्योंकि स्वावलंबी लोग ही श्रेष्ठ होते है'।
 
7. 'अगर सफल और प्रतिष्ठित बनना है, तो झुकना सीखो। क्योंकि जो झुकते नहीं, समय की हवा उन्हें झुका देती है'।
 
8. 'दूसरों के कल्याण से बढ़ कर, दूसरा और कोई नेक काम और धर्म नहीं होता है'।
 
9. 'मनुष्य कितना भी बड़ा क्यों न बन जाए, उसे हमेशा अपना अतीत याद करते रहना चाहिए'। 
 
10. 'संसार में सफल और सुखी वही लोग हैं, जिनके अंदर 'विनय' हो और विनय विद्या से ही आती है'।

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