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केदारनाथ में अब है भूतों का बसेरा, खौफजदा हैं मजदूर?

हमें फॉलो करें केदारनाथ में अब है भूतों का बसेरा, खौफजदा हैं मजदूर?
, शुक्रवार, 4 सितम्बर 2015 (00:01 IST)
देहरादून। उत्तराखंड में सैलाब और उससे आई भयावह त्रासदी के दो साल हो गए है। इस तबाही ने 10 हजार लोगों को मौत के नींद सुला दिया था। तबाही के बाद वहां फिर से दिन-रात पुनर्निमाण का कार्य चल रहा है। पुनर्निमाण के काम में हजारों मजदूर लगे हुए हैं, लेकिन इनमें से कुछ मजदूरों का कहना है कि उन्हें यहां भूतों और आत्माओं से डर लग रहा है। मजदूरों की माने तो वहां आत्माओं और भूतों का बसेरा हो गया है। हालांकि हो सकता है कि यह उनके दिमाग का वहम हो इसलिए कि वे सभी जानते हैं कि यहां हजारों लोगों की मौत हुई है।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक उत्तराखंड के पुनर्निमाण के लिए हजारों मजदूर लगे हुए हैं। इनमें से कुछ मजदूरों को अब डर लगने लगा है। अब वे इतने डर गए हैं कि वे लौटकर घर वापस चले जाना चाहते हैं। एक मजदूर के मुताबिक यहां शाम ढलते ही कई जगह चलते हुए डर लगता है। ऐसा लगता है कि हर परछाई में कोई भूत बाहर निकलकर झांक रहे हो। इन मजदूरों के कारण दूसरे मजदूर भी अब कई तरह की कहानियां सुनकर डरने लगे हैं।
 
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जून 2013 में आई आपदा में यहां हजारों लोगों की मौत हो गई थी। यहां काम करने वाले मजदूरों के मुताबिक जब 2014 में वह यहां काम करने के लिए पहली बार आए थे तब उन्हें अजीब-सा महसूस होता था। उन्हें ऐसा लगता था कि मृत लोगों की आत्माएं यहां मौजूद हैं। भूतों और आत्माओं का खौफ मजदूरों में इस कदर समा गया है कि वह यहां से घर वापस लौट जाना चाहते हैं।
 
गौरतलब है कि 2013 में 16 जून की रात को राज्य में भारी बारिश के बीच नदी ऐसी बाढ़ लेकर आई, जिसे भूलना किसी के लिए मुमकिन नहीं। मरने वालों में 1 हजार से ज्यादा लोग स्थानीय निवासी थे जबकि हजारों लोग तीर्थयात्रा के लिए यहां आए हुए थे। 
 
केदारनाथ, गौरीकुंड और रामबाड़ा में नुकसान काफी अधिक हुआ। जहां बड़ी संख्या में तीर्थयात्री रुके हुए थे। हादसे के बाद तबाह हुए राज्य के पुनर्निर्माण के लिए केन्द्र सरकार की तरफ से सात हजार तीन सौ छियालिस करोड़, प्रधानमंत्री राहत कोष से 154 करोड़ और राज्य सरकार की तरफ से 100 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया गया था। 

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