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चीन में तनाव बढ़ाएगा तिब्बत का मसला

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वॉशिंगटन , मंगलवार, 31 अगस्त 2010 (11:46 IST)
चीन और तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के बीच बगैर शर्त बातचीत का समर्थन करते हुए अमेरिका ने कहा है कि तिब्बत के मसले को सुलझाए बगैर छोड़ने से उस साम्यवादी देश में ज्यादा तनाव उत्पन्न होने के साथ-साथ उसका सामाजिक तथा आर्थिक विकास भी अवरुद्ध हो जाएगा।

ओबामा प्रशासन ने अमेरिकी कांग्रेस के सामने पेश की गई अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि समस्याएँ सुलझाने के लिए दलाई लामा या उनके प्रतिनिधियों तथा चीन के बीच बातचीत होना चीनी सरकार तथा तिब्बती लोगों के ही हित में है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन समस्याओं को सुलझाने में नाकामी चीन में और अधिक तनाव को जन्म देगी। साथ ही इससे चीन का सामाजिक तथा आर्थिक विकास भी अवरुद्ध होगा।

कांग्रेस के समक्ष इस महीने पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सरकार मानती है कि दलाई लामा चीन के लिये एक रचनात्मक साझेदार साबित हो सकते हैं क्योंकि चीन तिब्बती इलाकों में जारी तनाव की मुश्किल चुनौती से जूझ रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक दलाई लामा के विचारों की तिब्बती समाज में झलक व्यापक रूप से नजर आती है और ज्यादातर तिब्बती लोग उनका बहुत आदर करते हैं। दलाई लामा का अहिंसा की लगातार वकालत करना मसलों के चिरस्थायी समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है।

रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि इस तरह की बातचीत दोनों पक्षों को समस्या के समाधान के रास्ते पर ले जाएगी। साथ ही तिब्बती इलाकों में तनाव कम करने तथा चीन में समग्र स्थिरता में योगदान की उम्मीद भी पैदा होगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दलाई लामा ने बार-बार कहा है कि उनका तिब्बत की सम्प्रभुता या आजादी के लिए काम करने का कोई इरादा नहीं है। वह बस इतना चाहते हैं कि चीन तिब्बत को एक स्वायत्त क्षेत्र का दर्जा देकर उसकी संस्कृति, धर्म और पर्यावरण का संरक्षण करे। (भाषा)

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