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डॉन के घर में महाभारत, 'भाई' से भाई ने की बगावत

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, गुरुवार, 21 जून 2012 (12:02 IST)
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भारत के मोस्ट वांटेड कुख्यात आतंकवादी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम के छोटे भाई मुस्तकीम इब्राहीम कासकर ने 'भाई' से बगावत कर दी है। सूत्रों के मुताबिक मुस्‍तकीम पिछले दिनों कराची से भागकर दुबई चला गया जहां उसने दुबई में पुलिस के सामने समर्पण कर दिया और भारत लौटने की इच्छा जताई है।

मुस्‍तकीम के पाकिस्‍तान छोड़कर दुबई चले जाने की वजह 'डॉन के घर में घमासान' को बताया जा रहा है। कुछ सूत्रों के मुताबिक दो हफ्ते पहले हुए इस घटनाक्रम ने दाऊद का चैन छीन लिया है और दाऊद ने अपने छोटे भाई को मनाने की काफी कोशिश की और कराची लौटने को कहा।

लेकिन मुस्‍तकीम मानने को तैयार नहीं है। यहां तक कि दाऊद के खास छोटा शकील ने मुस्‍तकीम को फोन कर के वापस आने के लिए धमकी भी दी।

लेकिन डॉन के घर में चल रहे इस ड्रामे के पीछे माना जा रहा है कि दाऊद एक सोची समझी योजना के तहत यह सब करवा रहा है। पुलिस सूत्र इस मामले में इस 'थ्‍योरी' से इनकार नहीं कर रहे हैं। इसके मुताबिक दाऊद अपने घरवालों को एक-एक कर भारत भेजना चाहता है और यह समर्पण भी उसी योजना का हिस्सा है। इससे पहले भी दाऊद का एक अन्य भाई इकबाल कासकर दुबई के रास्ते भारत आ चुका है और अब उसके दूसरे भाई ने भी ऐसी ही इच्छा जताई है।

गौरतलब है कि एफबीआई की मोस्ट वांटेड लिस्ट में आने के बाद से और अमेरिका द्वारा पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बनाए जा रहे दबाव के कारण दाऊद एक-एक कर अपने सगे सम्बन्धियों को सुरक्षित भारत वापस भेजना चाहता है। मुस्तकीम का सरेंडर करना भी इसी प्लान का हिस्सा हो सकता है।

भारत की कानून व्यवस्था की लूप होल्स का लाभ उठाते हुए 2005 में इकबाल कासकर ने भी दुबई में ही सरेंडर किया था जिसके बाद उसे भारत भेज दिया गया था। मुंबई पुलिस ने इकबाल को सारा-सहारा कॉम्प्लेक्स घोटाले में गिरफ्तार किया गया, लेकिन जल्द ही वह इस मामले से बरी हो गया।

इसी तरह अगर दाऊद भी भारत वापस आता है तो उसके खिलाफ मुकदमे चलाना बेहद मुश्किल होगा, क्योंकि उसके खिलाफ ज्यादातर मामले बहुत पुराने हैं और उनके ज्यादातर गवाह या तो मर चुके हैं या लापता हैं। ध्यान हो कि दाऊद को दो साल पहले हार्ट अटैक भी हो चुका है और उसने अपने मरने पर मुंबई में ही दफनाए जाने की इच्छा जताई थी।

वैसे भी भारत की जेलों में कैदियों को ढ़ेरों सहूलियतें हासिल रहती हैं। तिहाड़ से लेकर अंडा सेल तक मोबाइल फोन से लेकर बिरयानी जैसी सुविधाओं का लुत्फ उठाने वाले कैदियों में कसाब जैसे आतंकी भी शामिल हैं। (एजेंसी)

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