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नवाज शरीफ बोले, इस्तीफा नहीं दूंगा और न छुट्टी लूंगा...

हमें फॉलो करें नवाज शरीफ बोले, इस्तीफा नहीं दूंगा और न छुट्टी लूंगा...
, मंगलवार, 2 सितम्बर 2014 (14:41 IST)
परेशानियों से घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि न तो वह इस्तीफा देंगे और न ही छुट्टी पर जाएंगे जबकि इमरान खान और ताहिरूल कादरी के नेतृत्व में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने पद छोड़ने के लिए उन पर दबाव बनाए रखा है।
राजनीतिक दलों के नेताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए नवाज शरीफ ने कहा कि वह इस तरह की परंपरा नहीं बनने देंगे कि कुछ लोग लाखों लोगों के जनादेश को बंधक बना लें।
 
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने नवाज के हवाले से कहा कि हमारे यहां संविधान का शासन है और हम किसी को भी इसे निष्प्रभाव नहीं करने देंगे। बैठक के बाद संयुक्त घोषणा में बताया गया कि पाकिस्तान का भविष्य लोकतंत्र में है और इससे विचलित होना पाकिस्तान संघ के लिए खतरनाक है। नेताओं ने लोकतंत्र की रक्षा में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के संघर्ष में पूरा साथ देने की प्रतिबद्धता जताई।
 
रेडियो पाकिस्तान की खबर के मुताबिक संसद की सर्वोच्चता के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में सभी संसदीय दलों ने पक्ष बनने का निर्णय किया। नेताओं ने संसद, प्रधानमंत्री आवास और पीटीवी पर हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, 'ये हमले लोकतंत्र और देश पर हमले हैं।
 
सीनेट में विपक्ष के नेता ने घोषणा की कि अगर किसी ने प्रधानमंत्री आवास को घेरने की कोशिश की तो राजनीतिक नेतृत्व प्रधानमंत्री आवास में प्रधानमंत्री के साथ रहेगा।
 
अगले पन्ने पर... राजनीतिक संकट पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट

पाकिस्तान में राजनीतिक संकट के हिंसक रूप लेने के साथ सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों और नवाज शरीफ सरकार के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने में सहयोग की पेशकश की।
 
न्यायालय ने पाकिस्तान तहरीके इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान और मौलवी ताहिरूल कादरी के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह पेशकश की।
 
न्यायाधीशों ने पीटीआई के वकील अहमद अवैस से कहा कि वह न्यायालय को बताए कि वह उसके हस्तक्षेप को स्वीकारते हैं या नहीं। पाकिस्तान आवामी तहरीक का वकील सुनवाई के दौरान मौजूद नहीं था।
 
पीठ ने अवैस से कहा कि वह पार्टी नेतृत्व से पूछे कि जारी राजनीतिक संकट को लेकर उसके पास सुप्रीम कोर्ट के लिए क्या प्रस्ताव है। पीठ ने साथ ही पूछा कि वह विरोध प्रदर्शनों से क्या हासिल करना चाहते हैं।

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