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विचित्र अपराधी, जो सजा से बच गए....

हमें फॉलो करें विचित्र अपराधी, जो सजा से बच गए....
, शनिवार, 30 अगस्त 2014 (13:16 IST)
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पुलिस किसी तरह अपराधियों को पकड़ लेती है और कोर्ट उन्हें सजा भी सुना देती है, लेकिन सजा सुनाए जाने के बाद इसे काटने से बचने के लिए अपराधी तरह-तरह के बहाने बनाते हैं। सात फीट 2 इंच लम्बा जूड मेडकाफ अभी भी क्लिनफेल्टर सिंड्रोम से प्रभावित है। इसका अर्थ है कि उसकी लम्बाई अभी भी बढ़ रही है। इसी बीमारी के कारण उसे एक साल तक सामुदायिक सेवा करने की सजा सुनाई गई। उसे जेल की सजा नहीं सुनाई जा सकी क्योंकि जेल में जो स्टैंडर्ड पलंग थे, वह उसकी लम्बाई से बहुत छोटे थे।

उसने कोर्ट में जज से कहा कि वह जेल में सो नहीं सकेगा क्योंकि वहां पलंग उसकी लम्बाई के लिहाज से बहुत छोटे हैं। उसे समाज सेवा के साथ-साथ रात में निर्धारित समय के बाद घर से बाहर न रहने की सजा दी गई थी, लेकिन यह सजा वह कई बार तोड़ चुका है।

न्यूटन एबट, डेवन का मेडकाफ एकमात्र ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसे अपनी बीमारी के कारण सजा से छूट मिली हुई हो। कई और भी हैं जिन्हें सजा से छूट मिली हुई है। बहुत मोटे और ज्यादा खाने वाले जॉर्ज जोलीकर को इसलिए सजा से छूट मिली थी क्योंकि फ्लोरिडा का यह आदमी बहुत खाता था।

विदित हो कि उसे 2010 में सजा सुनाई गई थी और तब उसे 30 पौंड मूल्य की जर्की (कटे हुए सूखे मांस) को खाने के मामले में पकड़ा गया था। जब उसे कोर्ट में पेश किया गया तो न्यायाधीश को लगा कि सरकार को उसे जेल में रखना बहुत महंगा पड़ेगा क्योंकि वह बहुत खाता था। इसलिए उसे रिहा कर दिया गया।

इनकी दास्तान भी कम रोचक नहीं है... पढ़ें अगले पेज पर...


इस मामले में अगर कोर्ट ने नरमी दिखाई तो सरकारी पैसे को हड़पने के मामले में गिरफ्तार एंड्रयू स्टॉकिल को सरकारी कर्मचारी कोर्ट में पेश करना ही भूल गए। उस पर आरोप था कि उसने सरकार के बीस हजार पौंड हड़प लिए थे।

लेकिन, उसे जेल नहीं भेजा जा सका क्योंकि उसको सजा सुनाए जाने तक तीन वर्ष हो चुके थे। स्टॉकिल ने अपना अपराध मान लिया था लेकिन उसे सितम्बर 2010 तक सजा नहीं सुनाई गई थी। इस बात को लेकर लीड्‍स क्राउन कोर्ट के जज जेफ्री मारसन बहुत नाराज हुए और उन्होंने इस असाधारण देरी पर सरकारी पक्ष को फटकार लगाई। उन्होंने एंड्रयू से कहा- अगर इस मामले में इतनी देर नहीं हुई होती तो मैं तुम्हें तुरंत ही हिरासत में लिए जाने का आदेश सुना देता।

इसी तरह मिडल्सबरो के हेनरी वैलेस का मामला है। घर जाने से पहले हेनरी ने बेतहाशा शराब पी ली थी। इसका जो नतीजा निकलना था सो निकला। उसने एक पुलिस अधिकारी के पैर पर कार चढ़ा दी और गिरफ्तार होने से पहले तीन और कारों को टक्कर मार दी। उसे खतरनाक ढंग से कार चलाने और शराब पीकर वाहन चलाने के आरोप में सजा सुनाई जानी थी, लेकिन उसे सजा नहीं सुनाई जा सकी। क्यों? हेनरी एक सैनिक था और उसे अफगानिस्तान जाकर विस्फोटक सुरंगों को पता लगाने का काम करना था। हालांकि जज जॉन हैरो उसको काफी भला-बुरा कहा लेकिन अंत में उन्होंने महसूस किया कि उसे सजा देने से वह एक महत्वपूर्ण काम नहीं कर पाएगा।

ये अपने लिंग की वजह से जेल जाने से बचे... पढ़ें क्यों, अगले पेज पर....


एक जर्मन अपराधी का किस्सा तो और भी रोचक है। एक जर्मन मॉरिस बोमैन को ब्रिटिश सेना के गैरिजन टाउन, बाइलफील्ड, में सैनिकों के घरों में सैंध मारने के आरोप में पकड़ा गया था। मॉरिस को एक साल कैद की सजा सुनाई गई, लेकिन उसे जेल में नहीं रखा गया। उसका लिंग हमेशा ही (स्थायी रूप से) उत्तेजित अवस्था में रहता था। जब उसका इलाज किया गया तब भी उसका लिंग आधा ही झुकाया जा सका और वह भी तब लगातार 90 मिनट तक उसके लिंग में सुइयां चुभोई गईं। कोर्ट ने फैसला सुनाया कि वह जेल से बाहर रह सकता है क्योंकि उसकी समस्या का कोई इलाज नहीं था।

शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले हत्यारे ईथन कोच ने पिछले वर्ष एक मां और बेटी, होली और शेल्बी बॉयल्स, को कुचलकर मार‍ दिया था। लेकिन सोलह वर्षीय ईथन को जेल में नहीं डाला जा सका क्योंकि उसके वकील का कहना था कि उसके इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के लिए उसका 'एफ्ल्यूंजा' (बहुत अमीर) होना है। उसकी परवरिश बहुत ही सम्पन्न परिवार में हुई थी। कोच को जेल में नहीं रखा गया और उसे 10 वर्ष तक निगरानी में रखने का आदेश दिया गया।

इस मामले में नाथन कैसिडी का मामला और भी विचित्र है। नाथन पर पिछले 29 आपराधिक मामलों में से 14 में सजा सुनाई गई थी, लेकिन इस बार नाथन को निश्चित तौर पर जेल जाना था।

इस बार उसे सेंधमारी के मामले में पकड़ा गया था और वह भी तब जबकि वह डकैती और चोरी की गई वस्तुओं की खरीद-फरोख्त के मामले में विलम्बित सजा (सस्पेंडिड सेंटेंस) काट रहा था। लेकिन 2011 में कैसिटी के वकीलों ने जज से कहा कि वह किसी भी तरह की गंदगी में रहने का आदी नहीं है और जेल में गंदगी होने पर वह गंभीर रूप से बीमार हो सकता है।

छह बच्चों की मां क्यों नहीं गई जेल.... पढ़ें अगले पेज पर....


वकीलों का कहना था कि उसकी ऐसी ही बहुत सी मनोवैज्ञानिक समस्याएं हैं और किसी सामान्य कैदी की तुलना में इसका उसके दिमाग पर बहुत बुरा असर होगा। नतीजतन, जहां कैसिडी के बाकी साथी जेल में रहे वहीं कैसिडी को फिर से सस्पेंडिड सजा सुनाई गई।

ऐसा ही कुछ मामला छह बच्चों की मां करेन मैक्कोनल-स्कॉट का है। रीडिंग की रहने वाली करेन पर आरोप था कि उन्होंने 2012 में अपने पूर्व पति के फ्लैट में सैंधमारी के लिए दो गुंडों की सेवाएं ली थीं। जज का कहना था कि इस अपराध के लिए उन्हें जेल में होना चाहिए।

लेकिन, जज ने उन्हें जेल में नहीं रखा क्योंकि उनका मानना था कि करेन को जेल में रखने और उनके छह बच्चों को सरकारी देखरेख में रखने की लागत बहुत अधिक आएगी जो कि टैक्स देने वालों के साथ अन्याय होगा। इसलिए जज स्टीफन जॉन ने उन्हें जेल से बाहर रखने का फैसला सुनाया।

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