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अमेरिका ने आईएस के ठिकानों पर गिराया 'महाबम'

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, गुरुवार, 13 अप्रैल 2017 (23:47 IST)
वॉशिंगटन। अमेरिका ने पूर्वी अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत के अछिन जिले में आईएसआईएस आतंकवादियों के छिपने के लिए इस्तेमाल की जा रही गुफाओं को निशाना बनाते हुए दुनिया के सबसे वजनी बम जीबीयू-43 को गिराया। इसे अचिन डिस्ट्रिक्ट के नानागढ़ इलाके में सुरंगों पर गिराया गया। सुरंगों का इस्तेमाल ISIS के लड़ाके करते हैं। ये इलाका पाकिस्तान के बेहद करीब है। यह सबसे बड़ा गैर परमाणु बम है, जिसका युद्ध क्षेत्र में शायद ही इस्तेमाल किया गया हो। अमेरिका ने साफ किया है कि आतंकवादियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। अमेरिका ने अफगानिस्तान में जो बम गिराया, वह सीरिया में बरसाए जा रहे बमों से 21 गुना ज्यादा वजनी है।

 
अमेरिका ने यह बम शाम 7 बजे गिराया है। जिस जगह अमेरिका ने बम गिराया है, वह जगह पेशावर से 100 किलोमीटर दूर है। अमेरिका ने एक तरह से पाकिस्तान को भी चेतावनी दी है, जो आतंकवादियों को पालता-पोसता है।  
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इस बम का वजन 10 हजार किलो के बराबर है। यह भारी-भरकम बम 30 फीट लंबा है। इसे 'मदर ऑफ ऑल बम्स' के रूप जाना जाता है। दुनिया में ऐसे सिर्फ 15 बम हैं। इस बम की कीमत 2000 करोड़ रुपए है। चूंकि अभी रात का वक्त है, लिहाजा इस बम से कितना नुकसान हुआ है, इसका अभी अंदाजा नहीं लगाया जा सका है।

अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने भी इस खबर को सच बताया है। स्थानीय समय अनुसार तकरीबन 7 बजे बम को एमसी-130 लड़ाकू विमान से गिराया गया है। इस बम की विशेषता यह है कि यह हवा में ही फट जाता है और इसका असर जमीन के 300 मीटर के दायरे में होता है। 

बताया जा रहा कि यह बम इतना खतरनाक है कि ये जहां भी गिरेगा, उसके सवा तीन किलोमीटर की दूरी तक सब कुछ पूरी तरह से तबाह हो जाएगा। अफगानिस्तान के जिस इलाके पर बम गिराया गया है, वह आईएसआईएस का प्रभाव क्षेत्र है। अमेरिका ने आईएसआईएस के लड़ाकों को टारगेट करके यह बम गिराया है।
 
अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के प्रवक्ता एडम स्टंप ने बताया कि यह पहला मौका है जब अमेरिका ने आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में इतने विशालकाय बम को गिराया है। इसे अमेरिकी लडाकू विमान एमसी-130 से अछिन जिले में इन गुफाओं को निशाना बनाते हुए गिराया है। यह क्षेत्र पाकिस्तानी सीमा के करीब है।

वहीं व्हाइट हाउस के प्रवक्ता सॉन स्पाइसर ने कहा, 'हमने आईएसआईएस लड़ाकों द्वारा इस्तेमाल की जा रही गुफाओं और सुरंगों को निशाना बनाया... आम नागरिकों को कम से कम नुकसान हो, यह सुनिश्चित करते के लिए इस हमले से पहले हमने सभी सुरक्षात्मक उपाय किए थे।'
 
क्या है बम की विशेषता : 10 हजार किलो के बराबर है जो जीपीएस निर्देशित है और इतने विशालकाय होने के कारण इसे "सभी बमों की मां" कहा गया है। इसका परीक्षण इराकी युद्ध शुरू होने से पहले मार्च 2003 में किया गया था।

अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना और अंतरराष्ट्रीय सेनाओं के प्रमुख जनरल जॉन निकॉल्सन ने बताया कि यह बम आईएसआईएस आतंकवादियों के छिपने की गुफाओं और बंकरों को निशाना बनाते हुए गिराया गया जिससे आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने में तेजी से मदद मिलेगी। (वेबदुनिया न्यूज) 

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