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26/11 के आरोपी लखवी को जमानत

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इस्लामाबाद , गुरुवार, 18 दिसंबर 2014 (15:13 IST)
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक अदालत ने आज लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशंस कमांडर और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी को जमानत दे दी। उसे जमानत पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के ‘अच्छा’ और ‘बुरा’ तालिबान नाम की कोई चीज नहीं होने की बात कहने के एक दिन बाद मिली है। भारत में इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है।
 
अभियोजन प्रमुख चौधरी अजहर ने बताया, ‘इस्लामाबाद की आतंकवाद निरोधी अदालत के न्यायाधीश कौसर अब्बास जैदी ने आज जकीउर रहमान लखवी को जमानत दे दी।’ 54 वर्षीय लखवी और छह अन्य ने वकीलों की हड़ताल के बीच कल जमानत आवेदन दिया था। वकील पेशावर के स्कूल में आतंकवादियों द्वारा 148 लोगों की हत्या के विरोध में हड़ताल पर हैं।
 
अजहर ने कहा कि अभियोजन पक्ष को इस फैसले के पहले और गवाह पेश करने थे। इस फैसले की वे उम्मीद नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस फैसले की उम्मीद नहीं कर रहे थे क्योंकि हमें मामले में बहुत से गवाह पेश करने हैं। हम फैसले पर विस्तृत टिप्पणी करने से पहले अदालत के विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’ 
 
लखवी के वकील राजा रिजवान अब्बासी ने कहा कि अदालत ने जमानत दे दी क्योंकि लखवी के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं थे। 
 
इस फैसले को लेकर भारत में सभी राजनैतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया है। इस फैसले की अजमल कसाब के खिलाफ भारत में चलाए गए मुकदमे में विशेष लोक अभियोजक रहे उज्ज्वल निकम ने भी आलोचना की है। लखवी को जमानत देने के खिलाफ भारतीय मिशन भी यहां कड़ा जवाब तैयार कर रहा है।
 
अब्बासी ने कहा कि बचाव पक्ष शीघ्र छह अन्य आरोपियों के भी जमानत आवेदन दायर करेगा। सुरक्षा कारणों से रावलपिंडी के अडियाला जेल में मामले की बंद कमरे में सुनवाई हुई। न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई 7 जनवरी तक स्थगित कर दी।
 
सात आरोपियों लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमाद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम रावलपिंडी की अडियाला जेल में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
 
लखवी को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शरीफ के आतंकवाद से निपटने के लिए एक सप्ताह के भीतर राष्ट्रीय योजना की घोषणा करने के एक दिन बाद रिहा किया गया है। शरीफ ने कहा था कि ‘इस पूरे क्षेत्र को आतंकवाद से मुक्त कराया जाना चाहिए।’ 
 
शरीफ ने कहा, ‘‘हम इस बात की घोषणा करते हैं कि ‘अच्छे’ और ‘बुरे’ तालिबान के बीच भेद नहीं होगा और आखिरी आतंकवादी का सफाया किए जाने तक आतंकवाद के खिलाफ जंग जारी रखने का संकल्प जताते हैं।’ शरीफ ने यह बात पेशावर नरसंहार के मद्देनजर आतंकवाद निरोधक उपायों पर चर्चा के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद कही।
 
 
मुंबई हमले के सातों संदिग्धों के खिलाफ मुकदमा काफी धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। ऐसा बार-बार के स्थगनादेशों और विभिन्न तकनीकी विलंबों के कारण हुआ है। प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेशंस कमांडर लखवी मुंबई हमले के प्रमुख षड्यंत्रकारियों में से एक था। उस हमले में 166 लोग मारे गए थे।
 
हमले में शामिल नौ आतंकवादियों को भारतीय सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। एकमात्र जीवित हमलावर अजमल कसाब को निचली अदालत से दोषसिद्धि और उसकी सजा को भारत की उपरी अदालतों द्वारा बरकरार रखे जाने के बाद फांसी दे दी गई थी। (भाषा)

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