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बिंग बैंग से आकाशगंगा में बड़ा बदलाव

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, शुक्रवार, 28 अगस्त 2015 (16:52 IST)
लंदन। बिंग बैंग के बाद उत्पन्न होने वाली आकाशगंगाओं में से कई में व्यापक ‘बदलाव’ आए हैं। वैज्ञानिकों ने पहली बार इस तथ्य का पता लगाया है।
कार्डिफ यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने हब्बल और हर्शेल टेलीस्कोपों के माध्यम से आसमान की पूर्व और वर्तमान स्थितियों का निरीक्षण कर पहली बार दिखाया है कि अपने जीवनकाल में आकाशगंगाएं अपना ढांचा बदल सकती हैं।
 
इस तरह की सीमा तक बदलाव होने का पहला प्रत्यक्ष प्रमाण सामने रखकर टीम इन नाटकीय बदलावों के पीछे की प्रक्रियाओं पर प्रकाश डालने की उम्मीद कर रही है। इससे ब्रह्मांड के स्वरूप और गुणों की बेहतर समझ हासिल करने में मदद मिलेगी।
 
शोधकर्ताओं ने हर्शेल एटलस और गामा परियोजनाओं द्वारा तैयार आसमान के सर्वेक्षण का इस्तेमाल कर ब्रह्मांड में वर्तमान में मौजूद करीब 10,000 आकाशगंगाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने इसके बाद आकाशगंगाओं को 2 मुख्य प्रकारों में बांटा। पहली- सपाट, आवर्ती, चक्राकार वाली आकाशगंगाएं (हमारी अपनी आकाशगंगा, मिल्की-वे की तरह) और दूसरी- अव्यवस्थित सितारों के झुंड वाली गोलाकार आकाशगंगाएं।
 
हब्बल और हर्शेल टेलीस्कोपों के माध्यम से शोधकर्ताओं ने बिग बैंग के बाद निर्मित आकाशगंगाओं के निरीक्षण के लिए आगे पीछे के समय में ब्रह्मांड का निरीक्षण किया। शोधकर्ताओं ने पाया कि बिग बैंग के बाद निर्मित सभी सितारों में से 83 प्रतिशत सितारे शुरू में चक्राकार वाली आकाशगंगाओं में थे जबकि इस समय ब्रह्मांड में बने हुए केवल 49 प्रतिशत सितारे इन चक्राकार वाली आकाशगंगाओं में स्थित हैं जबकि बाकी गोलाकार आकाशगंगाओं में हैं।इन नतीजों से एक व्यापक बदलाव का पता चलता है जिसमें चक्राकार आकाशगंगाएं गोलाकार आकाशगंगाओं में बदल गईं। (भाषा)

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