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चीन ने किया अभूतपूर्व सैन्य ताकत का प्रदर्शन

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बीजिंग , गुरुवार, 3 सितम्बर 2015 (21:00 IST)
बीजिंग। चीन ने गुरुवार को अपनी अद्भुत सैन्यशक्ति को दिखाते हुए द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के खिलाफ विजय के 70 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित एक अभूतपूर्व विशाल सैन्य परेड में लंबी दूरी की घातक मिसाइल, लड़ाकू विमानों और दूसरे शस्त्रों का प्रदर्शन किया लेकिन सैनिकों की संख्या में तीन लाख की कटौती का चौंकाने वाला ऐलान भी कर दिया।
यहां विशाल थ्येन आनमन चौक पर आयोजित परेड के दौरान 23 लाख जवानों-अधिकारियों वाली पीएलए की ताकत दिखाते हुए बैलिस्टिक मिसाइलों, टैंकों, बमवर्षक विमानों, ड्रोन और अन्य सैन्य उपकरणों को प्रदर्शित किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के खिलाफ चीन की जीत को जापानी सैन्यवाद को कुचलने वाली एक महान जीत करार दिया।
 
शी ने कहा, यहां मैं घोषणा करता हूं कि चीन अपने सैनिकों की संख्या में 300,000 तक की कटौती करेगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्यून हाय के अलावा संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून और भारत के विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह समेत विश्व के करीब 30 नेताओं ने परेड देखी। 
 
शी ने द्वितीय विश्वयुद्ध में ज्यादतियों के लिए जापान को सीधे तौर पर निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में तीन करोड़ 50 लाख चीनी हताहत हुए हैं। सैनिकों की संख्या में कमी को पीएलए की ओर से किए जा रहे प्रयास का हिस्सा माना जा रहा है। 
 
पीएलए का सालाना बजट 145 अरब डॉलर है। अमेरिका के बाद दूसरी किसी सेना का खर्च इतना भारी-भरकम है। चीन में 1980 के दशक के बाद से चौथी सैन्य कटौती होगी। 1985 में चीन ने अपने सैनिकों की संख्या में 10 लाख से अधिक की कटौती की थी।
 
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता यांग यूजुन ने कहा कि इस कटौती के बाद भी चीन की सेना दुनिया में सबसे बड़ी होगी और वह चीन की व्यावहारिक जरूरतों को पूरा कर सकेगी। भारतीय रक्षा अधिकारियों ने इस परेड को प्रभावशाली करार दिया लेकिन कहा कि वे हैरान नहीं हैं क्योंकि ये चीजें पहले से पता थीं। 
 
चीन के सरकारी मीडिया के अनुसार पाकिस्तान और रूस समेत 17 देशों के 1000 विदेशी जवानों ने इस परेड में भाग लिया। करीब 200 लड़ाकू विमानों ने आसमान में उड़ान भरी और परेड के अंत में 70,000 कबूतर और गुब्बारे उड़ाए गए। इस परेड में आकर्षण का केंद्र ‘दोंगफेंग-21डी मिसाइल थी। इस पोतभेदी बैलेस्टिक मिसाइल को ‘पोतों को नष्ट करने वाला’ (कैरियर किलर्स) कहा जाता है जो अमेरिका के रक्षा अधिकारियों के लिए भी चिंता का विषय है क्योंकि यह उनके विमानवाहक पोतों को 1,700 किलोमीटर तक की दूरी से भी उड़ा सकती है।
 
अमेरिकी रक्षा गलियारों में इसको लेकर अटकलें थीं कि इसका प्रदर्शन किया जाएगा। चीन ने अपने एक और नए लड़ाकू विमान जे-15 को प्रदर्शित किया। विमान वाहक पोत आधारित इस जेट लड़ाकू विमान को चीन ने उस वक्त विकसित किया जब उसने अपने पहले विमानवाहक पोत ‘लियाओनिंग’ का जलावतरण किया था।
 
चीन की ओर से शक्ति का यह अद्भुत प्रदर्शन उस वक्त किया गया है जब उसका अपने कई पड़ोसी देशों के साथ सीमा मामले में गतिरोध चल रहा है। दक्षिणी चीन सागर और पूर्वी चीन सागर को लेकर चीन और कुछ दूसरे पड़ोसी देशों के बीच सीधा टकराव है।
 
बीजिंग करीब संपूर्ण दक्षिणी चीन सागर पर अपना दावा करता है तो वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान इसके खिलाफ हैं। अमेरिका, भारत और कई अन्य देश यह कहते आ रहे हैं कि इन विवादों से दक्षिणी चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
 
चीनी राष्ट्रपति शी ने कहा कि चीन शांतिपूर्ण विकास के मार्ग के प्रति प्रतिबद्ध रहेगा और उन्होंने 23 लाख जवानों वाली मजबूत सेना में तीन लाख सैन्यकर्मियों की कमी करने की अनपेक्षित घोषणा की हालांकि उन्होंने इसके लिए कोई समय सीमा नहीं बताई।
 
शी ने कहा, इस विनाशकारी युद्ध में जापान के आक्रमण के खिलाफ चीनी लोगों का प्रतिरोध सबसे पहले शुरू हुआ और सबसे लंबे समय तक चला। चीन ने जापानी आक्रमण के खिलाफ मिली जीत की याद में पहली बार सैन्य परेड आयोजित की है। यह परेड पूर्वी चीन सागर में विवादित द्वीप को लेकर जापान के साथ बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में आयोजित की गई है। (भाषा)

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