Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

चीन में ड्रोन साजिश मामले में 5 गिरफ्तार

हमें फॉलो करें चीन में ड्रोन साजिश मामले में 5 गिरफ्तार
बीजिंग , सोमवार, 16 मई 2016 (19:54 IST)
बीजिंग। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के एक शीर्ष नेता के हांगकांग दौरे को एक ड्रोन के जरिए बाधित करने की साजिश के मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें से 2 लोग हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक विपक्ष से ताल्लुक रखते हैं। यह जानकारी सोमवार को एक  मीडिया रिपोर्ट में दी गई।
हांगकांग के पास स्थित शेंझेन शहर की पुलिस ने बताया कि 2 लोगों को हांगकांग से और 3  अन्य लोगों को मुख्य भूमि से गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों को सत्तारुढ़ कम्युनिस्ट पार्टी  ऑफ चाइना (सीपीसी) के तीसरे नंबर के नेता झांग देजियांग के दौरे से पहले कथित ड्रोन साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
 
वर्ष 2014 में 75 दिन तक चले आंदोलन के बाद किसी शीर्ष स्तर के चीनी नेता की यह पहली  हांगकांग यात्रा है। 2014 में हजारों लोगों ने हांगकांग की महत्वपूर्ण सड़कों पर कब्जा कर वहां  तंबू लगा दिए थे और मुख्य कार्यकारी के लिए 2017 में होने वाले चुनाव के उम्मीदवारों के  चयन के संबंध में चीन द्वारा लाए गए कानून को रद्द करने की मांग की थी।
 
हांगकांग से गिरफ्तार एक व्यक्ति की पहचान 56 वर्षीय गुओ के रूप में हुई है। उसके बारे में  कहा जाता है कि वह बाधा उत्पन्न करने के लिए विपक्ष के एक सदस्य की मदद कर रहा था।  कहा जाता है कि उसने (हांगकांग) विपक्ष में कई लोगों की वित्तीय मदद की।
 
'साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' ने खबर दी कि उसके बारे में कहा गया है कि वह लंबे समय से  विपक्षी खेमे का प्रायोजक रहा है। उसने विपक्ष के त्सांग नाम के सदस्य के लिए ड्रोन खरीदा  था।
 
हांगकांग के पूर्व सांसद त्सांग किन शिंग ने पुष्टि की कि उसने गुओ सहित कुछ मित्रों से एक  महीने पहले मुख्य भूमि से ड्रोन खरीदने को कहा था। अब लीग ऑफ सोशल डेमोक्रेट्स के  सदस्य त्सांग ने कहा कि उन्होंने विरोध प्रदर्शनों के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने के बारे में  सोचा था, न कि झांग के दौरे को बाधित करने के लिए।
 
नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के अध्यक्ष झांग मंगलवार को हांगकांग का दौरा करेंगे जिसे रिश्तों में सुधार से संबंधित दौरा बताया जा रहा है। हांगकांग का 1997 में विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के रूप में चीन के साथ विलय हुआ था और इसके साथ ही वहां 1839 से चले आ रहे ब्रिटिश शासन  का अंत हो गया था। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

शिवसेना ने साध्‍वी प्रज्ञा को क्लीन चिट देने का किया स्वागत