Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

चीनी सेना जंग के लिए तैयार, क्या है भारत की तैयारी..

हमें फॉलो करें चीनी सेना जंग के लिए तैयार, क्या है भारत की तैयारी..
, शुक्रवार, 27 नवंबर 2015 (13:40 IST)
विश्व में फिलहाल सैन्य तनाव अपने चरम पर है। एशिया में इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है। मध्यपूर्व में इस्लामिक स्टेट और पश्चिमी देशों के साथ रूस भी लड़ाई में उतर गया है। द. कोरिया और उत्तर कोरिया, चीन सागर में ताइवान और अमेरिका से चीन की खटपट, भारत-पाकिस्तान के बीच एलओसी पर जारी गोलीबारी की खबरों के बीच चीन ने 2020 तक अपनी आर्मी के आधुनिकीकरण का एलान किया है। गुरुवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 'पीपुल्स लिबरेशन आर्मी' को समग्र रूप से ज्यादा ताकतवर बनाने की बात कही और सेना को जंग के लिए हमेशा तैयार रखने का आदेश दिया है। 
 
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जिनपिंग ने कहा कि चीनी आर्मी की सभी शाखाओं के पुन:निर्माण के लिए एक ज्वाइंट ऑपरेशनल मिलिट्री कमांड बनाया जाएगा। इसमें चीनी सेना के विशेष दलों को प्रशिक्षण और नियुक्ति पर ध्यान दिया जाएगा। रक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि चीन सोवियत संघ की तर्ज पर अपनी सेना को जंग के लिए तैयार कर रहा है। उल्लेखनीय है कि चीनी थल सेना इस समय विश्व की सबसे बड़ी सेना है। 


जानिए क्या है सेना के आधुनिकीकरण के लिए चीन की तैयारियां :
* 2020 तक चीन को इलीट कॉम्बैट फोर्स तैयार करनी है।
* इसमें चीन के चार स्ट्रैटजिक जोन्स में मौजूद सात मिलिट्री रीजन की रिग्रुपिंग भी की जाएगी।
* नौसेना की आक्रमक पेट्रोलिंग और मिशन फोर्स को मजबूत किया जाएगा। 
* चीन का ध्यान हिन्द महासागर पर भी है जहां वो अफ्रीकी देश जिबूती के लिए ओवरसीज लॉजिस्टिक फैसिलिटी का निर्माण कर रहा है। समुद्री लुटेरों से रक्षा के लिए चीनी सेना भी यहां मौजूद रहेगी। 
* हिन्द महासागर में चीन सैन्य ठिकाना बनाने की ओर तेजी से काम कर रहा है। 
जानिए कैसे भारत के लिए खतरा है चीन की सैन्य तैयारियां : NEXT PAGE 
 

जानिए कैसे भारत के लिए खतरा है चीन की सैन्य तैयारियां : 
यदि हिंद महासागर क्षेत्र में चीन अपना सैन्य ठिकाना बनाता है तो भारत के कई हित प्रभावित होते हैं। इस क्षेत्र में भारत का दबदबा है और मालदीव, मारिशस जैसे समुद्री देशों में भारत का अच्छा प्रभाव है। चीनी नौसेना के आने से यहां अमेरिकी नौसेना की गतिविधियां भी बढ़ जाएंगी जिससे इस क्षेत्र में सामरिक असंतुलन हो जाएगा। इससे भारतीय मिशन को खतरा पैदा हो सकता है।
 
चीन की सैन्य आधुनिकीकरण की योजना से भारत के माथे पर बल पड़ना लाजमी है क्योंकि कैग की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना के पास कई साधनों की खासकर गोला-बारूद की कमी है। इस समय भारत के पास इतना सैन्य बजट भी नहीं है जिससे सेना अपने आधुनिकीकरण को तेजी से कार्यांवित कर सके। हाल ही में वन रैंक वन पैंशन के मसले पर भी बजट को लेकर ही समस्या हुई थी। इस मुद्दे पर पूर्व सैनिक सरकार पर दबाव डाल रहे हैं और जानकार इसे सेना के मनोबल पर प्रभाव डालने वाला फैक्टर बता रहे हैं।  
 
वैसे तो कारगिल युद्ध के बाद से ही भारतीय सेना के आधुनिकीकरण की बात चल रही है। 2001 में लालकृष्ण आडवाणी की अगुआई में मिनिस्टर्स कमेटी ने राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में सुधारों की बात कही थी और कुछ सिफारिशें की थी। जिसमें से कुछ सिफारिशों को लागू किया गया।
 
लेकिन तीनों सेनाओं के चीफ के ऊपर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद बनाने पर कोई कार्य नहीं हुआ। एक परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र के लिए यह पद बेहद जरूरी है। इसी तरह मल्टीरोल युद्धक विमान पर भी अभी तक कोई खास प्रगति नहीं हुई है। हालांकि माउंटेन कोर की स्थापना जरूर एक बड़ा कदम रहा जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में भारत की मारक और सुरक्षा क्षमता में इजाफा हुआ है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi