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सावधान! गर्दन पर चुंबन, कैंसर का खतरा

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, बुधवार, 29 जुलाई 2015 (12:24 IST)
डॉक्टरों की चेतावनी है कि सिर और गर्दन के कैंसर के सबसे बड़े कारणों में धूम्रपान से भी बड़ा कारण 'किसिंग' है। उनका कहना है कि चुम्बन के कारण ह्यूमन पापलोमा वाइरस एक सूनामी बन सकता है।
 
जिन लोगों के ओरोफैरिंक्स (फेट और फेफड़ों तक जाने वाली ग्रास नली) में संक्रमण होता है, उनके कारण कैंसर का खतरा 250 गुणा अधिक बढ़ जाता है। अब कैंसर के सबसे बड़े खतरों में ड्रिंकिंग और स्मोकिंग से पहले किसिंग आ गया है। आप जितने ज्यादा लोगों को किस करते हैं, ह्यूमन पॉपीलोमा वाइरस (एचपीवी) के एक के मुंह से दूसरे तक पहुंचने का खतरा उतना ज्यादा बढ़ता जाता है। 
 
डेलीमेल ऑस्ट्रेलिया के लिए लॉरेन ग्राउंसेल लिखती हैं कि रॉयल डार्विन हॉस्पिटल में सिर और गर्दन के कैंसर के सर्जन डॉ. महीबन थॉमस का कहना है कि इस वाइरस के कारण सिर और गर्दन के कैंसर के 70 फीसदी मामले होते हैं। वे कहते हैं कि अगर आपके ओरोफैरिंक्स में संक्रमण हो जाता है तो आपको बिना किसी वाइरस वाले व्यक्ति की तुलना में कैंसर का खतरा 250 गुणा अधिक होता है। हालांकि यह महिलाओं के गर्भाशय के कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) से ज्यादा जोड़ा जाता है लेकिन एचपीवी से महिला और पुरुषों दोनों को खतरा होता है।
 
डॉक्टरों का कहना है कि इस वाइरस के सौ प्रकार होते हैं, लेकिन एचपीवी की केवल आठ किस्में ही ऐसी होती हैं जिनके प्रभाव से कैंसर होता है। ओरल एचपीवी, ओरल सेक्स या मुंह खुला रखकर या फ्रेंच किस से आसानी से फैलता है।
 
विशेषज्ञों के मुताबिक करीब 7 फीसद लोगों के मुंह में एचपीवी वाइरस पाया जाता है, लेकिन मात्र एक फीसदी लोगों के मुंह में ऐसा वाइरस की ऐसी किस्म होती है जो कि ओरोफैरिंक्जियल कैंसर की जिम्मेदार होती है। डॉ. थॉमस का यहां तक कहना है कि बिना शारीरिक संबंधों के मात्र प्यार भरी करीबी देने से भी वाइरस एक से दूसरे के शरीर में प्रवेश पा जाता है। 
 
डॉ. थॉमस का कहना है कि अगर आप अमेरिका के कैंसर संबंधी आंकड़ों पर निगाह डालें तो आपको ज्ञात होगा कि वहां 70 फीसद मामलों में सिर और गर्दन का कैंसर एचपीवी के कारण होता है।
 
विदित हो कि ऑस्ट्रेलिया में वर्ष 2011 के दौरान 3121 लोगों का विभिन्न कारणों से हुए सिर और गर्दन के कैंसर का इलाज किया गया। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने कैंसरों के मामलों पर रोकथाम के लिए 12 से 13 वर्ष के लड़के-लड़कियों को टीके लगाना अनिवार्य कर दिया है ताकि कैंसर की विभिन्न किस्मों से बचा जा सके। 


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