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रूसी कंप्यूटर वैज्ञानिक के सिर का प्रतिरोपण

हमें फॉलो करें रूसी कंप्यूटर वैज्ञानिक के सिर का प्रतिरोपण
लंदन , गुरुवार, 9 अप्रैल 2015 (22:52 IST)
लंदन। मांसपेशियों से जुड़ी एक दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी से जूझ रहे 30 साल के एक रूसी कंप्यूटर वैज्ञानिक दुनिया के ऐसे पहले शख्स हो सकते हैं जिनके सिर का प्रतिरोपण किया जाएगा।
 
व्लादिमिर के रहने वाले वैलेरी स्पिरिदोनोव ने उस इतालवी सर्जन डॉ. सर्गियो कैनवेरो से संपर्क साधा, जिन्होंने हाल ही में एक ऐसी तकनीक विकसित करने का दावा किया था, जिससे दुनिया के पहले मानव सिर का प्रतिरोपण अगले दो साल में संभव हो सकेगा। स्पिरिदोनोव ने इस जटिल प्रक्रिया की सहमति दी, जिससे उनके सिर का प्रतिरोपण संभव हो सकेगा।
 
मांसपेशियों से जुड़ी दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी ‘वर्डनिग-हॉफमैन’ से जूझ रहे स्पिरिदोनोव ने कहा, ‘मेरा फैसला अंतिम है और मैं अपना निर्णय नहीं बदलने वाला।’ स्पिरिदोनोव ने स्वीकार किया कि वह डरे हुए हैं लेकिन यह भी कहा कि उनके पास ज्यादा विकल्प नहीं है।
 
‘एक्सप्रेस.को.यूके’ ने स्पिरिदोनोव के हवाले से लिखा, ‘यदि मैंने इस मौके पर कोशिश नहीं की तो मेरा भविष्य अच्छा नहीं होगा। हर साल बीतने के साथ मेरी हालत बदतर होती जा रही है।’ स्पिरिदोनोव ने कैनवेरो से बात की है लेकिन डॉक्टर ने उनका मेडिकल रिकॉर्ड नहीं देखा है।
 
सीएनएन के मुताबिक, कैनवेरा का दावा है कि उनके पास ऐसे कई लोगों के ई-मेल और खत हैं जो इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए तैयार हैं। इनमें से कई तो पारलिंगी (ट्रांस-सेक्सुअल) हैं जो एक नया शरीर चाहते हैं। पर उनका जोर है कि पहले मरीज वे लोग होंगे जो मांसपेशी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। (भाषा)


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