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पाकिस्तान में गुपचुप तरीके से हिंदू मंदिर को गिराए जाने के खिलाफ कोर्ट में याचिका

हमें फॉलो करें पाकिस्तान में गुपचुप तरीके से हिंदू मंदिर को गिराए जाने के खिलाफ कोर्ट में याचिका
पेशशवर , बुधवार, 9 नवंबर 2016 (10:34 IST)
पाकिस्तान में लगातर योजनाबद्ध तरीके से हिन्दू, सिख, बौद्ध और ईसाईयों को देश से बाहर खदेड़े जाने के षड़यंत्र के बीच वहां के मंदिर, गुरुद्वारे, चर्च और बौद्ध स्तूपों को भी निशाना बनाए जाने की खबर आती रहती है। ताजा मामल में पेशावर के पुराना शहर इलाके में स्थित हिंदुओं के 150 वर्ष पुराने मंदिर को 'गुपचुप ढंग से गिराए जाने' के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है।
प्रतीकात्मक फोटो
'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक पेशावर हाई कोर्ट में मुहीबुर रहमान और वाकिफ सलीम ने सोमवार को याचिका दाखिल की। याचिका में मांग की गई है कि इस मंदिर का प्रशासनिक नियंत्रण आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट को सौंपा जाए। बताया गया है कि इस प्राचीन मंदिर की जगह कॉमर्शियल प्लाजा बनाने की योजना है। इस मंदिर में श्रद्धालुओं का आना-जाना बरसों पहले बंद हो गया था।
 
याचिका में कहा गया है कि मंदिर की इमारत में कथित तौर पर बदलाव किए जाने का मुद्दा कुछ महीने पहले सामने आया था, इसके बाद सरकार ने संपत्ति को सील करने के साथ इसमें रहने वाले दो किराएदारों को गिरफ्तार किया था।
 
याचिकाकर्ताओं के मुताबिक इवेक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टीज डिपार्टमेंट के साथ साठ-गांठ कर उन तत्वों (किराएदारों) ने मंदिर को गिरा कर प्लाजा का निर्माण शुरू कर दिया। याचिका में कई अखबारों की रिपोर्ट और उनके साथ प्रकाशित फोटो का हवाला देते हुए कहा कि मंदिर को गुपचुप ढंग से गिराया जा रहा है। ये मंदिर करीमपुरा इलाके के मोहल्ला वांगडी गारा में स्थित है। 150 वर्ष पुराना होने के बावजूद मंदिर का ढांचा मजबूत हालत में बताया गया।
 
याचिका में खैबर पख्तून्ख्वा प्रांत की सरकार के प्रवक्ता के बयान का भी हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने कहा- सरकार ने इस मामले में कदम उठाए क्योंकि संविधान अल्पसंख्यकों को समान अधिकार और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की गारंटी देता है।
 
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि डिप्टी कमिश्नर और आर्कियोलॉजी डायरेक्टर डॉ अब्दुल समद खान ने मंदिर का मुआयना करने के बाद इसके परिसर को सील कर दिया था। लेकिन इसके बावजूद ऊंची पहुंच वाले तत्व मंदिर को गिराने का काम करते रहे और अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। (भाषा से इनपुट)


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