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भारत और जापान के बीच असैन्य ऐतिहासिक परमाणु समझौता

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, शुक्रवार, 11 नवंबर 2016 (17:16 IST)
टोक्यो। भारत और जापान ने आज परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच हुई शिखर बैठक के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष समेत विभिन्न क्षेत्रों में नौ अन्य समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए।
परमाणु समझौते को लेकर दोनों देशों के बीच लम्बे समय से बातचीत चल रही थी। इस पर जापानी प्रधानमंत्री की पिछले वर्ष दिसम्बर में भारत यात्रा के दौरान सहमति बनी थी लेकिन प्रक्रियात्मक औपचारिकताएं पूरी की जानी थी। आज इस समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए गए। जापान ने किसी ऐसे देश के साथ पहली बार परमाणु समझौता किया है जिसने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। भारत परमाणु अप्रसार संधि को भेदभावपूर्ण मानता है इसलिए उसने इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, लेकिन वह अपनी तरफ से इससे जुड़े नियमों का पालन करता है।
 
इस समझौते से 48 देशों के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यतता के भारत के प्रयासों को बल मिलेगा। बैठक के बाद मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि असैन्य परमाणु समझौता स्वच्छ ऊर्जा में दोनों देशों की भागीदारी विकसित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।  उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग से भारत को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने समझौते के लिए आबे, जापानी सरकार तथा संसद को धन्यवाद दिया।

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