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पाकिस्तान में जेल पर हमले की साजिश नाकाम

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, शुक्रवार, 26 दिसंबर 2014 (18:07 IST)
लाहौर। पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने कोट लखपत जेल पर हमले की आतंकवादियों की साजिश को नाकाम कर दिया और इस मामले में 2 महिलाओं और एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। जेल में कम से कम 50 आतंकवादी बंद हैं जिन्हें मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। इनमें 5 आतंकवादी खतरनाक हैं।
लाहौर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने आतंकवादियों की एक साजिश को नाकाम कर दिया है और कोट लखपत जेल के पास फरीदकोट कॉलोनी से 2 महिलाओं और 1 व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
 
अधिकारियों ने गुरुवार को उनके पास से एक रॉकेट लांचर, सुरक्षा एजेंसियों की वर्दी, जूते, बंदूकें, धनुष-बाण, मोबाइल फोन और सिम जब्त किए हैं।
 
पुलिस उपमहानिरीक्षक हैदर अशरफ ने फरीदकोट कॉलोनी के एक घर में छापे के दौरान 3 आतंकवादियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की। संदिग्धों को पूछताछ के लिए एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया।
 
सूत्रों के अनुसार आतंकवादी कोट लखपत जेल में हमले की तथा आतंकवादियों को रिहा कराने की साजिश रच रहे थे। कोट लखपत जेल में कम से कम 50 आतंकवादी बंद हैं। इनमें 5 खतरनाक श्रेणी के हैं जिन्हें सैन्य अदालतों ने मौत की सजा सुनाई है।
 
उमर नदीम, अहसन अजीम, आमिर यूसुफ, आसिफ इदरीस और कामरान को झेलम जिले में चिनाब नदी के पास एक सैन्य शिविर पर और पंजाब के मुल्तान में आईएसआई दफ्तर पर हमले में शामिल रहने के मामले में सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।
 
लाहौर उच्च न्यायालय ने गुरुवार को उनकी मौत की सजा पर लगी रोक हटा ली थी। सरकार ने पेशावर स्कूल नरसंहार के बाद दोषी आतंकवादियों को मौत की सजा देने के फैसले पर अमल को जारी रखा। 
 
कोट लखपत जेल के अधीक्षक असद वारियाक ने कहा कि उनकी मौत की सजा के वारंट जारी कर दिए गए हैं इसलिए उन्हें किसी भी वक्त फांसी दी जा सकती है। 
 
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार ने पेशावर हमले के बाद मौत की सजा पर 6 साल से लगी रोक को समाप्त कर दिया। पेशावर हमले के बाद अब तक 6 आतंकवादियों को फांसी दी जा चुकी है। (भाषा) 

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