सैन फ्रासिंस्को के एक म्यूजिम में पहुंचे कई कला प्रेमी। एक 17 वर्षीय शरारती लड़के की हरकत से मूर्ख बन गए, लेकिन इससे उनकी कला पहचानने की काबिलियत पर भी सवाल उठा।
लोग एक शरारत को पोस्टमॉर्डन मास्टरपीस (कला का बेहतरीन नमूना) समझ बैठे। कई लोग यहां आने पर कुछ आर्टवर्क और पेंटिग्स से काफी इंप्रेस हो चुके थे हालांकि कुछ चीजें उनकी समझ से बाहर थीं।
लोगों को म्यूजियम में दिखने वाली हर चीज को आर्ट समझने की प्रवृत्ति जांचने के लिए खयाटन ने एक चश्मे को गेलरी के फर्श पर छोड़ दिया और वहां से चला गया। जल्दी ही लोग वहां इकट्ठा होने लगे और चश्मे से के सुरक्षित दूरी बनाते हुए उसके मतलब पर चर्चा करने लगे। कुछ लोग तो इस चश्मे की फोटो भी लेने लगे।
खयाटन के इस क्षण को 24 मई को ट्वीट किया और उसकी ट्वीट 45,000 बार रिट्वीट की गई। जिससे यह पूरा घटनाकम ही मॉर्डन आर्ट लगने लगा। इस लड़के ने इस तरह का परीक्षण पहली बार नहीं किया है। इससे पहले बेसबॉल केप (टोपी) और एक कचरापेटी के साथ भी वह इस तरह की शरारत कर चुका है।