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मोदी ने की बड़ी अमेरिकी कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक

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न्यूयॉर्क , सोमवार, 29 सितम्बर 2014 (20:10 IST)
न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 बड़ी अमेरिकी कंपनियों के प्रमुखों से सोमवार को यहां सुबह के नाश्ते पर मुलाकात की और उनसे भारत में ढांचागत क्षेत्र के विकास में बड़ा निवेश करने तथा रोजगार के अवसरों का सृजन करने और लोगों के जीवन स्तर में सुधार में मदद का आह्वान किया।


पेप्सिको की सीईओ इंद्रा नूयी, गूगल के चेयरमैन एरिक स्मिट और सिटीग्रुप के प्रमुख माइकल कार्बेट जैसे 11 सीईओ के साथ नाश्ते पर चर्चा में मोदी ने कहा कि भारत एक खुले विचारों वाला देश है और वह बदलाव चाहता है जो 'एकतरफा' नहीं होता।
 
कॉर्पोरेट जगत के दिग्गजों द्वारा भारत में कारोबार को लेकर व्यक्त की गई चिंताओं को सुनते हुए मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी सरकार उनके मुद्दों का समाधान करेगी और भारत में माहौल को कारोबार के और अनुकूल बनाने का प्रयास करेगी।
 
इस बैठक को शानदार और बहुत अच्छा करार देते हुए नूयी और कार्बेट सहित सभी कारोबारी नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनकी चिंताओं पर गौर किया और भारत को और ऊंचाई पर ले जाने के लिए अपनी सरकार की प्राथमिकताओं को गिनाया।
 
मोदी ने कार्यकारियों से कहा, हम आगे बढ़ने और पिछली गड़बड़ियों को दुरुस्त करने के लिए कोयला आवंटन पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय को एक अवसर में तब्दील करना चाहते हैं। उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह 218 में से 214 कोयला ब्लॉक आवंटनों को रद्द कर दिया। ये कोयला ब्लॉक 1993 से विभिन्न कंपनियों को आवंटित किए गए थे।
 
मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले का उद्योग जगत की धारणा और संपूर्ण कारोबारी माहौल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। 
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरद्दीन ने प्रधानमंत्री के हवाले से टि्वटर पर अपने संदेश में कहा, भारत खुले विचारों वाला देश है। हम बदलाव चाहते हैं। यह बदलाव एकतरफा नहीं होता। मैं नागरिकों, उद्योगपतियों और निवेशकों के साथ इस पर चर्चा कर रहा हूं। 
 
मोदी ने मुख्य कार्यकारियों से कहा, ढांचागत विकास एक बड़ा अवसर है, इससे रोजगार सृजन होता है और नागरिकों के जीवनस्तर में सुधार होता है। इस मुलाकात में मास्टरकार्ड के सीईओ अजय बंगा, कारगिल के अध्यक्ष व सीईओ डेविड डब्ल्यू मैकलेनान, कैटरपिलर के डगलस ओबेरहेलमैन, एईएस के एंड्रेस ग्लुस्की, मर्क के केनेथ फ्रैजियर, कार्लाइल ग्रुप के सह-संस्थापक व सह-सीईओ डेविड रबेनस्टेन, हॉस्पिरा के माइकल बाल और वारबर्ग पिनकस के चार्ल्स काए भी शामिल थे।
 
गौरतलब है कि इन सभी कंपनियों की भारत में अच्छी-खासी मौजूदगी है और माना जाता है कि इन कंपनियों के मुख्य कार्यकारियों ने भारत सरकार के साथ अपने क्रियाकलापों को और बढ़ाने और देश में कारोबारी उपस्थिति बढ़ाने की इच्छा जताई है।
 
बैठक के बाद बंगा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पर्यटन, कौशल विकास और ढांचागत जैसे क्षेत्रों को अपनी सरकार के मुख्य क्षेत्रों के तौर पर गिनाया। एक घंटे से अधिक समय तक चली इस मुलाकात के बाद बोइंग, केकेआर, ब्लैकरॉक, आईबीएम, जनरल इलेक्ट्रिक और गोल्डमैन सॉक्स के कार्यकारियों ने मोदी से अलग-अलग मुलाकात की।
 
इस यात्रा में कंपनी कार्यकारियों के साथ प्रधानमंत्री की यह पहली व्यापक बातचीत थी। मोदी अपनी 5 दिन की अमेरिका यात्रा के दूसरे चरण में कल वॉशिंगटन में कारोबारी बैठकों में हिस्सा लेंगे।
 
नूयी ने बैठक को 'शानदार' बताते हुए कहा, उन्होंने सवालों के जवाब बहुत ही अच्छे तरीके से दिए और उनका पूरा ध्यान भारत की स्थिति सुधारने पर है, इसलिए हम उनके साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं। 
 
मास्टरकार्ड के सीईओ बंगा ने कहा कि प्रधानमंत्री बातों को बहुत ध्यान से सुनते हैं और उनका विश्वास है कि मोदी योजनाओं को उसी तरह से लागू कर सकते हैं जिस तरह से उन्होंने गुजरात में किया था।
 
उन्होंने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि वे इसे कर सकते हैं। मुझे यकीन है कि ऐसा होने पर भारत में वृद्धि की दृष्टि से आपके सामने एक दशक या उससे अधिक का अच्छा समय हो सकता है और उससे हर अमेरिकी निवेशक को भारत में अपनी पूंजी, अपनी प्रौद्योगिकी और अपने मानव संसाधन लगाने की खुशी होगी। 
 
बंगा ने कहा कि लोगों को अतीत को लेकर चिंतित होने के बजाय भविष्य को लेकर चिंतित होना चाहिए। उन्होंने कहा, महत्वपूर्ण यह है कि उनका दृष्टिकोण साफ है। वे गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए जिस तरह से क्रियान्वयन करने में सफल रहे तो मुझे विश्वास है कि वे इसे कर ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि मोदी का ध्यान रोजगार सृजन पर है जिसके लिए विनिर्माण और पर्यटन व ढांचागत क्षेत्र में सुधार लाने की जरूरत है।
 
एईएस कॉर्पोरेशन के सीईओ एंड्रेस आर गिलुस्की ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हर किसी की चिंताओं को सुना और उन्हें लगा कि उनका समाधान निकालने की योजना बना रहे हैं। एईएस कॉर्पोरेशन ओड़िशा में बिजली क्षेत्र में काम कर रही है।
 
इस सवाल पर कि वे भारत में किन अड़चनों को दूर कराना चाहेंगे तो उनका कहना था कि कई मुद्दे हैं और सुधार हो रहे हैं। मुझे लगता है कि चीजें तेजी से आगे बढ़ रही हैं। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि काम जल्द हो और यही हम भी चाहते हैं। 
 
प्रधानमंत्री पहली मुलाकात में आपको कैसे लगे, यह पूछे जाने पर गिलुस्की ने कहा, शानदार प्रधानमंत्री। जीई के सीईओ जेफरी इमेल्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ उनकी मुलाकात शानदार रही।
 
उन्होंने बताया, जीई भारत में एक दीर्घकालीन निवेशक है। हम भविष्य में और निवेश की संभावना देखते हैं। प्रधानमंत्री को कारोबार की अच्छी समझ है। हम उनसे सुधारों को बढ़ाना जारी रखने की उम्मीद करते हैं। भारत एक महान देश है और निवेश करने लायक जगह है। (भाषा)


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