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मोदी ने आसियान देशों को निवेश के लिए किया आमंत्रित

हमें फॉलो करें मोदी ने आसियान देशों को निवेश के लिए किया आमंत्रित
ने पई ताव , बुधवार, 12 नवंबर 2014 (22:57 IST)
ने पई ताव। भारत-आसियान के बीच संबंधों में किसी तरह की ‘खींचतान नहीं होने’ पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की नई आर्थिक विकास यात्रा में 10 देशों के समूह आसियान को हिस्सा बनने का बुधवार को न्यौता दिया। समूह में प्रधानमंत्री के मजबूती से रखे गए ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को पूरा समर्थन मिला।
गोलमेज बैठक में हिन्‍दी में बातचीत करते हुए मोदी ने कहा, भारत में आर्थिक विकास, औद्योगीकरण तथा व्यापार के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत हुई है और तेजी से विकास के रास्ते पर अग्रसर देश तथा आसियान एक-दूसरे के लिए ‘प्रमुख सहयोगी’ हो सकते हैं। 
 
भारत की ‘लुक ईस्ट पालिसी’ के अब ‘एक्ट ईस्ट पालिसी’ बनने का जिक्र करते हुए मोदी ने आसियान नेताओं को आश्वस्त किया कि वे क्षेत्रीय संगठन के साथ भारत के रिश्तों पर निरंतर व्यक्तिगत रूप से ध्यान देंगे।
 
प्रधानमंत्री ने कहा, भारत में हमने नई आर्थिक यात्रा शुरू की है, हम भारत में इस नए माहौल में आपको आमंत्रित करते हैं। आसियान की अगले साल के अंत तक एक आर्थिक समुदाय बनने की योजना है। 
 
नरेंद्र मोदी ने ये बातें ऐसे समय कही हैं जब भारत छोटी एवं मझोली अर्थव्यवस्थाएं वाले 10 देशों के इस संगठन आसियान के साथ रिश्तों को प्रगाढ़ बनाना चाहता है। उन्होंने कहा, हमारे संबंधों में खींचतान वाली कोई बात नहीं है। हम एक ही तरीके से दुनिया में उत्साहजनक अवसरों तथा चुनौतियों को देखते हैं। मोदी ने कहा, लेकिन हमारी जो संभावनाएं हैं, हम इस समय जहां हैं, उससे कहीं ज्यादा है। 
 
वर्तमान में भारत-आसियान व्यापार 76 अरब डॉलर के आसपास है जो आसियान के कुल व्यापार का केवल 3 प्रतिशत है। दोनों पक्षों ने 2015 तक 100 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी गौर किया कि भारत और आसियान दोनों ही क्षेत्र में संतुलन, शांति और स्थिरता के लिए सहयोग बढ़ाने को लेकर गंभीर हैं।
 
तीन देशों म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया और फिजी की दस दिन की यात्रा के दूसरे दिन आज मोदी ने म्यांमार अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में कहा, मेरी सरकार छह महीने से सत्ता में है और जिस तेजी से हमने पूर्व के साथ संबंधों को मजबूत बनाया है, वह इस बात को प्रतिबिंबित करता है कि हमने क्षेत्र को कितनी प्राथमिकता दी है। 
 
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इस दौर में भौतिक संपर्क से ज्यादा सूचनाओं के राजमार्ग (आई-वे) की आवश्यकता है। गोलमेज बैठक में आसियान नेताओं के साथ बातचीत के अलावा मोदी ने अलग से द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। इन बैठकों के दौरान ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को पूरा समर्थन मिला।
 
मोदी के टि्वटर संदेश के अनुसार थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रयुत चान-ओ-चा ने उनसे कहा है, मैं मेक इन इंडिया अभियान से पूरी तरह सहमत हूं और इसकी प्रशंसा करता हूं। यह अर्थव्यवस्था को गति दे सकता है। थाईलैंड भी अपनी अर्थव्यवस्था के लिए इसे अपना सकता है। 
 
मोदी की मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक के साथ बैठक के दौरान भी ‘मेक इन इंडिया’ पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक के तुरंत बाद ट्वीट किया, मैं मेक इन इंडिया पर काफी जोर दे रहा हूं और मलेशियाई कंपनियों को भारत आने का निमंत्रण देना चाहता हूं। वहां बहुत से अवसर हैं। 
 
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग के साथ अलग से बैठक में मोदी ने कहा कि आसियान में भारत के प्रति काफी सकारात्मक धारणा है। आसियान में 10 देश-ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड तथा वियतनाम हैं। (भाषा)

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