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नेपाल सीमा पर गिरफ्तार सभी 13 भारतीय जवान रिहा

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, रविवार, 29 नवंबर 2015 (11:41 IST)
काठमांडू। नेपाल सीमा पर तैनात जिन 13 भारतीय जवानों को नेपाल ने सुबह 7 बजे गिरफ्तार कर लिया था, उन्हें दोपहर में छोड़ दिया गया है। यह जानकारी आईजी (ऑपरेशन) दीपक कुमार ने दी। इससे पहले भारतीय जवानों पर हथियार समेत नेपाल में घुसने का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया गया था। 
नेपाल सीमा पर सशस्त्र सीमा बल (SSB) की तैनाती है। भारतीय सैनिक सीमा पर हथियार समेत तैनात रहते हैं। नेपाली मीडिया कहना है कि भारतीय सेना के जवानों ने गोलीबारी की हमारी सीमा में घुसकर गोलीबारी की थी।
 
सबसे सनसनीखेज पहलू यह रहा कि नेपाल की सरकार ने भारतीय टीवी चैनल पर बैन लगा दिया था, जिससे तनाव और बढ़ गया। उधर नेपाल सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है कि चैनलों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय केबल मालिकों ने लिया। 
 
क्या था पूरा मामला : असल में भारत नेपाल सीमा पर तस्कर काफी सक्रिय है। कुछ दिन पहले भी सीमा पर झड़प हुई थी। एसएसबी सूत्रों के अनुसार नेपाल के सुदूरवर्ती पूर्वी जिले के एक गांव झापा में तस्करों का पीछे करते हुए दो जवान नेपाल की सीमा में घुस गए। दोनों जवानों को तस्करों ने बंधक बनाकर केसना गांव में नेपाल पुलिस के हवाले कर दिया। उसके बाद एसएसबी के 11 अन्य जवान पहले गए दोनों जवानों को वापस लाने के लिए गए, तब उन लोगों को भी बंधक बना लिया गया। भारत नेपाल सीमा पर कोई दीवार या बाढ़ नहीं होने से सीमा की हद का पता नहीं चलता। इसी गफलत के कारण भारतीय जवान नेपाल की सीमा के भीतर पहुंच गए थे। 
 
नेपाली टीवी प्रसारण ने किया खुलासा : नेपाल के किशनगंज पुलिस ने पहले कहा था कि उसने दो भारतीय जवानों को हिरासत में लिया है। इसी बीच नेपाली मीडिया ने भारतीय सेना के 13 जवानों को हिरासत में लेने की खबर का प्रसारण कर दिया।

भारतीय दूतावास हुआ सक्रिय : जब भारत को पता चला कि उसके 13 जवान नेपाल की हिरासत में है तो अफरातफरी मच गई। तत्काल भारतीय दूतावास ने नेपाल के गृहमंत्रालय से संपर्क किया और तब जाकर नेपाल ने सभी 13 भारतीय जवानों को सौंपा।
नेपाल में भारतीय फिल्मों के प्रसारण पर रोक : आज से  नेपाल में न केवल भारतीय टीवी चैनल प्रसारणों पर रोक लगाई है, बल्कि भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन को भी बैन कर दिया गया है।

भारत ने की आर्थिक नाकेबंदी : नेपाल के उप प्रधानमंत्री कमल थापा ने कहा कि भारत ने नेपाल पर अघोषित आर्थिक नाकेबंदी है।  मेरी भारत सरकार से अपील है कि यह आर्थिक नाकेबंदी खत्म करे।  यह एक बड़ा मानवीय संकट है। भारत ने चीन से पेट्रोल के लिए करार किया है। मैं भारतीय नेताओं से बैठक करने के लिए तैयार हूं।

उन्होंने कहा कि मोदी यहां आए थे और उन्होंने संसद को भी संबोधित किया था। हम छोटे हैं। हम भारत और चीन के बीच में हैं। हम नेपाली अपने स्वाभिमान को कभी डिगने नहीं देंगे। नेपाल एक लोकतांत्रिक देश है और यहां पर हरेक को बोलने की स्वतंत्रता है।

नेपाली उप प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि भारत ने नेपाल को एलपीजी गैस, पेट्रोल और दवाईयों की आपूर्ति बंद कर रखी है। इस तरह की पाबंदी से कोई हल नहीं निकलेगा। (वेबदुनिया न्यूज) 

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