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नेपाल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अफरातफरी

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काठमांडू , सोमवार, 27 अप्रैल 2015 (20:38 IST)
काठमांडू। नेपाल में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद यहां फंसे दूसरे देशों के लोग बाहर निकलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और नतीजा यह है कि यहां के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अफरातफरी का आलम है। भारत और दूसरे देश अपने अपने नागरिकों को जल्द वापस ले जाने की कोशिश में हैं।
अब तक भारत के 2,500 लोगों को बाहर निकाला गया है तथा बड़ी संख्या में लोग त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्‍डे पर जमा हैं ताकि वे व्यावसायिक और विशेष रक्षा विमानों से स्वदेश लौट सकें। इनमें भारतीय नागरिकों की तादाद सबसे अधिक है। भारी भीड़ को देखते हुए महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और घायल हुए लोगों को प्राथमिका दी जा रही है।
 
काठमांडो मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक अधिकारी ने कहा, ‘हवाई अड्डे के भीतर अफरा-तफरी है। लोग चिंता और अत्यधिक तनाव के कारण बेहोश हो जा रहे हैं। इनमें से अधिकांश भारतीय हैं।’ 
भारतीय उच्चायोग के अधिकारी प्रभात सिंह ने बताया, ‘अब तक 2,500 भारतीयों को उनके यहां भेजा गया है। कल नेपाल में फंसे हुए भारतीयों को निकालने के लिए 15 उड़ानें परिचालित हुईं। यह सिलसिला इन सभी लोगों को बाहर निकालने तक जारी रहेगा।’
 
प्रभात सिंह ने कहा, ‘सिंधुपाल चौक, गोरखा और नवाकोट के अंदर के हिस्सों से लोगों को बाहर निकालने के लिए एम17 भारतीय हेलीकॉप्टरों को लगाया गया है। भक्तपुर और काठमांडो में भी भारतीय अधिकारियों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है।’ 
 
हवाई अड्डे के बाहर वतन वापसी का इंतजार कर रहे लोगों में से हर किसी के पास कोई न कोई ऐसा किस्सा है जो रोंगटे खड़ा कर देता है। बिहार के किशनगंज के युवक फैयाज आलम अपनी गर्भवती पत्नी और दो भाइयों के साथ स्वदेश लौटने का इंतजार कर रहे हैं।
 
आलम का कहना है, ‘भूकंप के बाद मैं इस जगह को अपनी गर्भवती पत्नी के लिए सुरक्षित नहीं पाता। इसलिए हमने भारत वापस जाने का फैसला किया है।’ भारत लौटने वाले लोगों की भारी भीड़ को देखते हुए उच्चायोग के अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल के लिए आलम की गर्भवती पत्नी और उनके साथ एक व्यक्ति जा सकते हैं।
 
बीते शनिवार को 7.9 तीव्रता का भूकंप आया था और इसके बाद कई झटके महसूस किए गए। भूकंप में करीब 4 हजार लोगों की मौत हो गई और लगभग 7,000 लोग घायल हो गए। (भाषा)

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