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नेपाल में मृतक संख्या पहुंची 7700 पर

हमें फॉलो करें नेपाल में मृतक संख्या पहुंची 7700 पर
काठमांडू , बुधवार, 6 मई 2015 (22:15 IST)
काठमांडू। नेपाल ने भूकंप बाद के पुनर्निर्माण कार्य को बुधवार को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रपति भवन और हजारों अन्य इमारतों को इस्तेमाल के लिए असुरक्षित घोषित कर दिया है। विनाशकारी भूकंप में कम से कम 7652 लोगों की जानें गई हैं।
नेपाल सेना के जन संपर्क विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर जगदीशचंद्र पोखरेल ने बताया कि भारत के राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 80 लोग आज नेपाल से रवाना हो गए। 80 साल में आए सबसे भीषण भूकंप के बाद इसकी देश में सबसे बड़ी मौजूदगी थी।
 
नेपाल द्वारा भारत और 33 अन्य देशों की बचाव टीमों को वापस जाने को कहे जाने के बाद 21 थाई कर्मी भी रवाना हो गए जिनमें मेडिकल टीम से चार लोग शामिल हैं।
 
अधिकारियों ने बताया कि नेपाली सेना और पुलिस अब विदेशी टीमों से जिम्मेदारी अपने हाथ में ले रही है तथा विदेशी बचाव टीमों का नेपाल छोड़ने का काम चरणबद्ध तरीके से होगा।
 
गृह मंत्रालय ने आज बताया कि इस बीच, 25 अप्रैल के भूकंप से मरने वालों की संख्या 7652 पहुंच गई है जबकि घायलों की संख्या 16390 हो गई है। सिंधुपालचौक जिला 2939 मृतकों के साथ सर्वाधिक प्रभावित हुआ है जबकि काठमांडू में 1209 मौतें हुई हैं।
 
भूकंप के बाद मकानों की सुरक्षा जांच के लिए 2000 से अधिक इंजीनियर स्वैच्छिक रूप से तैनात हुए हैं और उन्होंने राष्ट्रपति भवन सहित अब तक 13000 से अधिक भवनों की जांच की है।
 
राष्ट्रपति भवन शीतल निवास का पिछला हिस्सा असुरक्षित घोषित किया गया है और इसे ध्वस्त कर फिर से बनाया जाएगा। राष्ट्रपति राम बरन यादव सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं। वे छह दिन तंबू में रहे थे। भूकंप में प्रधानमंत्री सुशील कोइराला का भवन भी क्षतिग्रस्त हुआ था। 
 
जांच किए गए मकानों में 50 फीसदी निवास योग्य हैं जबकि 20 से 25 फीसदी निवास योग्य नहीं है। वहीं शेष के मरम्मत की जरूरत है। मंत्रालय के मुताबिक कुल 279234 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 237068 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
 
अधिकारियों ने पाटन दरबार स्‍क्‍वॉयर के ध्वस्त ढांचे के पुनर्निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया है जो ऐतिहासिक दरबार स्‍क्‍वॉयर का हिस्सा है। स्थानीय अधिकारियों और दरबार स्‍कवॉयर के कर्मचारियों ने महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू कर दिया है जो 7.9 की तीव्रता वाले भूकंप में ध्वस्त हो गया था। भूकंप से हुए हिमस्खलन ने पर्वतारोहण के मौसम को अनिश्चितता में डाल दिया है। (भाषा) 
 

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