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बंदर की सेल्फी पर 'वॉर', किसे मिले अधिकार?

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, गुरुवार, 24 सितम्बर 2015 (12:06 IST)
वॉशिंगटन। कुछ समय पहले चर्चा में रहे बंदर के सेल्फी पर कॉपीराइट का विवाद एक बार फिर सामने आ गया है। तब से लेकर अब तक उसकी तस्‍वीर बिना कॉपीराइट के दुनियाभर में वायरल हो रही है।

इसका मालिकाना हक उसे नहीं मिला है, लेकिन अब पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्‍था पीपुल फॉर द एथनिक ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्‍स (पेटा) ने सैन फ्रांसिस्‍को में इस मामले में केस दायर किया है। इसमें कहा गया है कि सेल्‍फी से मिली सभी आय नारूतो को दिया जाए।
अगले पन्ने पर, क्या है पूरा मामला... 
 

2011 में इंडोनेशिया यात्रा पर गए ब्रिटिश नेचर फोटोग्राफर डेविड द्वीप पर बंदर की फोटो खींच रहे थे, तभी ब्लैक प्रजाति के एक बंदर नारूतो ने ट्रायपॉड पर लगे कैमरे से हजारों फोटो खींच ली। इनमें कुछ गजब की तस्वीरें थीं खासकर उसकी अपनी सेल्फी। इसने ‍दुनिया भर में काफी धूम मचाई।   यह सेल्‍फी बाद में उन्‍होंने एक किताब वाइल्‍डलाइफ पर्सनॉलिटीज में प्रकाशित की। मकाक इंडोनेशियाई द्वीप सुलावेसी पर अन्य मकाक बंदरों के लिए संरक्षित एक कॉलोनी में रहता है।
 
यह फोटो बाद में बड़े पैमाने पर कई साइट्स में फैल गई। अमेरिका कॉपीराइट कार्यालय ने भी इस मामले में एक भूमिका निभाई। पिछले साल उसने अपनी कॉपीराइट नीति को अपडेट करते हुए कहा कि सिर्फ इंसानों द्वारा किया गया काम कॉपीराइट की श्रेणी में आता है। 
 
जानवरों द्वारा किया गया काम इस श्रेणी में नहीं आता है। हालांकि इस मामले में पेटा के वकली जेफ्री केर ने बताया कि उन्‍हें नहीं लगता है कि कॉपीराइट ऑफिस की नीति से उनके मामले पर कोई असर पड़ेगा। (एजेंसियां)

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