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सावधान! सेक्स के दौरान हो सकता है फ्रैक्चर

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यह सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन कई मर्द यह झेल चुके हैं। एक रिसर्च में डॉगी स्टाइल या फीमेल पार्टनर को अपने ऊपर लेकर सेक्स करने को सबसे खतरनाक सेक्स पोजिशन बताया गया है।
 
एडवांसेज इन यूरोलॉजी में छपी नई रिसर्च के मुताबिक, 'वुमन ऑन टॉप' यानी फीमेल पार्टनर का ऊपर रहना और 'काउगर्ल' यानी डॉगी स्टाइल पोजिशन मर्दों के लिए सबसे खतरनाक पोजिशंस साबित होती हैं।
 
इस रिसर्च के मुताबिक दुनिया भर में मर्दों के प्राइवेट पार्ट में होने वाले आधे फ्रैक्चर 'वुमन ऑन टॉप' पोजिशन की वजह से होते हैं। मर्दों को घायल करने वाली दूसरे नंबर की पोजिशन 'डॉगी स्टाइल' है। 29 फीसदी फ्रैक्चर इस पोजिशन से होते हैं।
 
ये पोजिशन भी कम खतरनाक नहीं हैं... पढ़ें अगले पेज पर....

अगर अब आप सोच रहे हैं कि 'मैन ऑन टॉप' या 'मिशनरी पोजिशन' सबसे सेफ पोजिशन है तो भी आप गलत हैं। रिसर्चर्स को पता चला है कि यह पोजिशन भी दुनिया भर में 21 फीसदी फ्रैक्चर्स की वजह है।
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'वुमन ऑन टॉप' पोजिशन को इसलिए खतरनाक माना गया है क्योंकि इस पोजिशन में दर्द शुरू होने पर भी मर्द के पास सेक्स को रोकने के चांस कम रहते हैं। इसकी वजह यह है कि मर्द इस दौरान अपनी पार्टनर के नीचे दबा रहता है और पार्टनर का पूरा वजन उसके प्राइवेट पार्ट पर होता है। इसके विपरीत, मर्द के ऊपर रहने पर वह दर्द होने पर तुरंत खुद को अलग कर सकता है।
 
 
आखिर क्या है लिंग फ्रैक्चर से जुड़ी जानकारी का आधार... पढ़ें अगले पेज पर...

यह रिसर्च करीब 13 साल तक चली। इस रिसर्च के दौरान डॉक्टर्स ने ब्राजील के तीन अस्पतालों में प्राइवेट पार्ट में फ्रैक्चर की शिकायत लेकर पहुंचे 44 मर्दों से उनकी पोजिशंस की जानकारी ली। इसमें से 42 के प्राइवेट पार्ट में फ्रैक्चर पाया गया। इसमें से 28 लोगों ने माना कि उन्हें सेक्स के दौरान फ्रैक्चर हुआ था।
 
मजेदार बात यह है कि इसमें से आधे लोगों का कहना है कि उन्होंने अपने फ्रैक्चर की आवाज भी सुनी। इसके बाद ही उन्हें अपने प्राइवेट पार्ट में सूजन और दर्द की शिकायत शुरू हुई।
 
जबकि पिछले वर्ष प्रकाशित एक शोध में कहा गया है कि वूमन ऑन टॉप एक ऐसी पोजीशन है जिसमें आपके लिंग को सर्वाधिक खतरा हो सकता है। इस बारे में ब्राजीली विशेषज्ञों का कहना है कि जब सेक्स गतिविधियों के दौरान महिला गतिविधि पर नियंत्रण करती है तो उसके शरीर का समूचा वजन सीधे खड़े लिंग पर पड़ता है।
 
क्या होते हैं दुष्प्रभाव... पढ़ें अगले पेज पर...

इस कारण जब लिंग के पेनीट्रेशन के दौरान तकलीफ होती है तो महिला इससे प्रभावित नहीं होती है। और इस कारण से पुरुष के लिंग को गलत भेदन के कारण अधिक नुकसान उठाना पड़ता है जबकि महिला को बहुत कम तकलीफ या कोई तकलीफ नहीं होती है क्योंकि पुरुष को लिंग में ज्यादा तकलीफ होती है।
 
पर जब एक पुरुष गतिविधि पर नियंत्रण रखता है तो वह पेनीट्रेशन इनर्जी को रोकने में बेहतर स्थिति में होता है। उसे जब भी लिंग में कोई तकलीफ होती है तो वह इसे कम कर सकता है। जब पचास फीसदी मामलों में आपको कुछ टूटने की आवाज सुनाई दे तो इसका अर्थ है कि बहुत अधिक उत्साह या जोर लगाने के कारण लिंग में फ्रेक्चर हो गया है।
 
इतना ही नहीं, ऐसे 80 फीसदी मामलों में पुरुषों का इरेक्शन समाप्त हो जाता है। इस अध्ययन के दौरान दो लोगों को दीर्घकालिक नुकसान हुआ और वे इरेक्टाइल डिसफंक्शन के शिकार हो गए।  

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