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अर्थव्यवस्था की मार, हफ्ते में एक बार सेक्स

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, मंगलवार, 30 सितम्बर 2014 (13:04 IST)
लंदन। ब्रिटेन के पुरुषों और महिलाओं का मानना है कि अर्थव्यवस्था ने उनकी सेक्स लाइफ पर भी बुरा असर डाला है। उनका कहना है कि इस कारण से हम सप्ताह में मात्र एक बार ही सेक्स कर पाते हैं।

इसकी बजाय 76 फीसद पुरुषों का कहना है कि वे पोर्नोग्राफी देखकर ही काम चलाते हैं, जबकि आधी महिलाएं कामुक साहित्य पढ़कर समय गुजारती हैं। विदित हो कि वर्ष 2008 में औसत ब्रिटेनवासी एक महीने में सात बार सेक्स करता था जबकि अब वह एक महीने में केवल चार बार ही करता है।
 
तीन में से एक ब्रिटिश नागरिक तो अब महीने में एक बार भी सेक्स नहीं करता है। विदित हो कि वर्ष 2008 में जहां 76 प्रतिशत लोग अपनी सेक्स लाइफ से संतुष्ट थे वहीं पर ऐसे लोगों की संख्या घटकर 63 प्रतिशत रह गई है। मेल ऑनलाइन में पॉल डॉनेली लिखते हैं कि 53 प्रतिशत महिलाएं स्वीकार करती हैं कि वे 'फिफ्टी शेड्‍स ऑफ ग्रे' जैसे कामुक उपन्यास पढ़ती हैं। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि आर्थिक मंदी ने न केवल ब्रिटेनवासियों को वित्तीय रूप से कमजोर बनाया है वरन उनकी सेक्स लाइफ को भी नुकसान पहुंचाया है। 

 
ऐसा क्यों हुआ... पढ़ें अगले पेज पर....
 
 
 

ऐसा प्रतीत होता है कि कठोर आर्थिक समय ने लोगों के आत्मविश्वास को बुरी तरह से प्रभावित किया है। वर्ष 2008 में द ऑव्जर्वर द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार तब आधे से ‍अधिक लोगों का कहना था कि वे बेडरूम में अपने औसत आंकते हैं। आज केवल एक तिहाई लोगों में ही इतना विश्वास बचा है। सर्वे के परिणाम से पता लगता है कि आजकल 53 फीसद महिलाएं कामुक उपन्यासों से मन बहला रही हैं जबकि ऐसा करने वाले पुरुषों की संख्या मात्र 36 फीसदी है। वहीं 76 प्रतिशत पुरुष पोर्नोग्राफी देखते हैं और ऐसा करने वाली महिलाओं की संख्‍या 36 फीसदी है। 
 
इस सर्वेक्षण को ओपीनियन रिसर्च ने किया था जिसमें इसने कहा था कि इसने आठ जुलाई से लेकर 14 जुलाई, 2014 के बीच 1052 लोगों का ऑनलाइन सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण के दौरान इस बात की पूरी सावधानी रखी गई थी कि वयस्क प्रतियोगियों के नाम पूरी तरह से गोपनीय रखे जाएं और इनकी कोई पहचान उजागर ना हो। सर्वेक्षण से पता चला है कि अपनी सेक्स लाइफ से 66 फीसदी महिलाएं संतुष्ट हैं, जबकि ऐसे पुरुषों की संख्या 60 फीसद है।

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