Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

स्विट्जरलैंड जारी करेगा निष्क्रिय पड़े बैंक खातों की सूची

हमें फॉलो करें स्विट्जरलैंड जारी करेगा निष्क्रिय पड़े बैंक खातों की सूची
ज्यूरिख , सोमवार, 1 जून 2015 (12:21 IST)
ज्यूरिख। स्विट्जरलैंड सरकार ने अब अपने यहां बैंकों के ऐसे खातों की सूची जारी करने का निर्णय किया है जिनका 60 साल से कोई दावेदार सामने नहीं आया है।

गौरतलब है कि देश के कर विभाग ने अपने यहां खाता रखने वाले भारत और अन्य देशों के ऐसे नागरिकों के नाम प्रकाशित करने शुरू कर दिए हैं जिनके खिलाफ उनकी सरकारों ने जांच शुरू कर रखी है।

स्विट्जरलैंड के बैंकिंग लोक-प्रहरी के कार्यालय द्वारा दशकों से बिना किसी निकासी या जमा के निष्क्रिय पड़े विदेशियों के बैंक खातों की सूची इसी वर्ष प्रकाशित की जा सकती है जिनका कोई दावेदार नहीं आया है। इससे इन खातों के कानूनी हकदारों को इन पर दावा करने का मौका मिलेगा।
ये खाते 1955 से ही लावारिस पड़े हैं।

ऐसी अटकलें हैं कि इनमें से कुछ खाते भारत के पुराने राजे-महाराजाओं, रियासतों के शासकों के परिवार वालों और अन्य धनाढ्यों के हो सकते हैं जिन्होंने स्विस बैंकों में खाते खुलवा तो लिए लेकिन इनका स्वामित्व अपने वारिसान या अन्य को हस्तांतरित नहीं किया।

स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने अभी यह नहीं बताया है कि ऐसे खाते किन देशों के लोगों से संबंधित हैं, लेकिन स्विट्जरलैंड के कुछ बैंकों के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इनमें से कुछ खाते भारतीयों के भी हैं। इनकी सूची इसी तरह के अन्य खातों के साथ इस साल के आखिर तक जारी की जा सकती है।

इनमें से कुछ खातों पर भारत से एक से अधिक दावेदार रहे हैं और उनमें स्वामित्व को लेकर विवाद है। इनमें से कुछ का दावा है कि वे पुराने राजाओं के वंशज हैं लेकिन वे अपने दावे के समर्थन में कोई ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर सके।

स्विस बैंकिंग लोक प्रहरी का कहना है कि सूची में ऐसे खाते शामिल किए जाएंगे जिनमें कम से कम 500 स्विस फ्रेंक की राशि जमा हो और जो कम से कम 50 साल से निष्क्रिय हैं।

स्विट्जरलैंड में 10 साल तक कोई लेन-देन नहीं होने पर खाते को निष्क्रिय घोषित कर दिया जाता है इस हिसाब से जिस खाते में 60 साल पहले आखिरी लेन-देन हुआ था ऐसे खातों को ही इस सूची में स्थान मिलेगा।

सूची प्रकाशित होने के बाद भी अगर इन खातों का कोई कानूनी दावेदार सामने नहीं आया तो खातों का परिसमापन कर संपत्ति स्विजटरलैंड सरकार के खाते में डाल दी जाएगी।

स्विस बैंकर्स एसोसिएशन के एक प्रवक्ता ने कहा कि ये ऐसी संपत्तियां हैं जिनके मामले में वे 60 साल से वारिसान की तलाश कर रहे हैं। इन खातों के बारे में जानकारी कोई नई बात नहीं है।
प्रवक्ता ने इस सवाल का कोई सीधा जवाब नहीं दिया कि क्या स्विस बैंक इस तरह के खातों के मालिकान के बारे में भारत सरकार से संपर्क करेंगे। प्रवक्ता ने कहा कि बिना पते वाली या निष्क्रिय संपत्ति को अवैध नहीं कहा जा सकता।

अधिकारियों ने कहा कि ऐसे खातों की जानकारी प्रकाशित करने का उद्देश्य यह है कि सम्बद्ध व्यक्तियों को कानूनी उपाय करने का अवसर मिल सके। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi