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अमेरिका ने कसा शिकंजा, पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ीं...

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वाशिंगटन , शुक्रवार, 9 दिसंबर 2016 (11:41 IST)
वाशिंगटन। अमेरिकी कांग्रेस ने एक अहम कदम उठाते हुए कहा है कि पाकिस्तान को 40 करोड़ डॉलर की मदद तब तक नहीं दी जा सकती जब तक कि रक्षा मंत्री इस बात को प्रमाणित नहीं करते कि इस्लामाबाद अमेरिकी हितों पर निशाना साधने के आरोपी हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ स्पष्ट कदम उठा रहा है।
 
सीनेट ने गुरुवार को सात के मुकाबले 92 मतों से 2017 राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार अधिनियम पारित किया जो गठबंधन सहायता कोष के 90 करोड़ डॉलर में से 40 करोड़ डॉलर पाने के योग्य होने के लिए पाकिस्तान पर चार शर्तें लगाता है।
 
पिछले सप्ताह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने एनडीएए 2017 को (34 के मुकाबले 375 मतों से) पारित किया था। यह अधिनियम अब व्हाइट हाउस जाएगा ताकि राष्ट्रपति बराक ओबामा के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन सके।
 
एनडीएए 2017 के अनुसार रक्षा मंत्री को कांग्रेस को यह प्रमाणित करना होगा कि पाकिस्तान ऐसे सैन्य अभियान चला रहा है जो पाकिस्तान में हक्कानी नेटवर्क की पनाहगाहों एवं स्वतंत्रता को बाधित करने के लिए अहम योगदान दे रहे हैं और पाकिस्तान ने इस समूह को अपने देश का इस्तेमाल करने से रोकने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाने के लिए कदम उठाए हैं।
 
रक्षा मंत्री को यह भी प्रमाणित करना होगा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के पास हक्कानी नेटवर्क जैसे संगठनों के आतंकवादियों की गतिविधियों को बाधित करने के लिए अफगानिस्तान के साथ सक्रिय समन्वय कर रहा है और पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के शीर्ष नेताओं एवं इसके मध्यम स्तर के आतंकवादियों को गिरफ्तार करने एवं उनके खिलाफ अभियोग चलाने में प्रगति की है।
 
अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने इस साल पाकिस्तान को इसी प्रकार का प्रमाणीकरण देने से इनकार कर दिया था जिसके परिणामस्वरूप इस्लामाबाद को सीएसएफ के तहत 30 करोड़ डॉलर की राशि नहीं दी गई थी।
 
हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में अमेरिकी हितों के खिलाफ हमलों एवं अपहरण की कई घटनाओं को अंजाम दिया है। यह संगठन अफगानिस्तान में भारतीय हितों पर भी कई घातक हमलों के लिए जिम्मेदार है। इन हमलों में काबुल में भारतीय दूतावास पर वर्ष 2008 में किया गया हमला शामिल है जिसमें 58 लोग मारे गए थे।
 
सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष एवं सीनेटर जॉन मैकेन ने कहा कि एनडीएए 2017 अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को प्रत्यक्ष समर्थन देने वाली गतिविधियों के लिए पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता पर पुन: ध्यान केंद्रित करता है और आर्थिक मदद के एक बड़े हिस्से के संबंध में रक्षा मंत्री की ओर से इस प्रमाणीकरण की शर्त लगाता है कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं में हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ स्पष्ट कदम उठा रहा है। (भाषा) 


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