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चीन के साइबर जासूसी से अमेरिका के उड़े होश

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वाशिंगटन। इंटरनेट सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए अमेरिका ने कहा है कि वह सरकार प्रायोजित साइबर अपराध को बर्दाश्त नहीं कर सकता, जिसके जरिए व्यापार से जुड़ी गुप्त सूचनाओं की चोरी की जाती है।

अमेरिका ने चीन के पांच सैन्य अधिकारियों के खिलाफ कथित तौर पर उद्योग से जुड़ी सूचनाओं की चोरी के लिए साइबर जासूसी करने का आरोप भी लगाया है।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने बताया कि साइबर जगत में व्यापार से जुड़ी गोपनीय सूचनाओं और व्यावसायिक लाभ के लिए अन्य संवेदनशील सूचनाओं की सरकार प्रायोजित चोरी हम बर्दाश्त नहीं कर सकते।

अमेरिका ने कल चीन के पांच प्रभावशाली सैन्य अधिकारियों को आरोपी ठहराते हुए उन पर साइबर सुरक्षा में सेंध लगाने जैसे गंभीर अपराध के लिए अभियोग लगाया था। इन अधिकारियों पर वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक सहित छ: अमेरिकी कंपनियों से कथित तौर पर गोपनीय सूचनाएं चोरी करने का आरोप है।

कार्नी ने कहा कि आज की यह घोषणा इस बात को लेकर हमारी बढ़ती चिंता दिखाती है कि चीन का ऐसा आचरण जारी है और यह स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर परस्पर सहयोग और समन्वय जारी रखना दोनों देशों के हित में है। चीन के साथ बातचीत के लिए हमारा प्रयास जारी रहेगा।

अगले पन्ने पर, कार्रवाई से क्या होगा प्रभावित


इस बीच विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि चीनी सैन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई से द्विपक्षीय संबंध प्रभावित नहीं होंगे। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने बताया कि हमें उम्मीद है कि अमेरिकी उद्योगों से बौद्धिक संपदा चुराने वालों के खिलाफ जांच को लेकर घोषणा को चीन सरकार समझेगी। शीर्ष अमेरिकी सांसदों ने भी ओबामा प्रशासन से आग्रह किया है कि वे चीन द्वारा की जा रही कथित साइबर-जासूसी को लेकर कड़ा कदम उठाएं।

सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के प्रमुख सीनेटर कार्ल लेविन ने कहा कि व्यावसायिक साइबर चोरी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है और इन मामलों में चीन कहीं अधिक बड़ा दोषी है। लाभ की खातिर अमेरिकी नवोन्मेष की चोरी करने वालों के खिलाफ लंबे समय से कोई कड़ा कदम नहीं उठाया गया है।

कई सांसदों ने ‘फेडरल ग्रांड ज्यूरी’ द्वारा पांचों चीनी हैकरों पर अभियोग लगाए जाने की सराहना की है। इन हैकरों ने कथित तौर पर छ: अमेरिकी कंपनियों की महत्वपूर्ण व्यावसायिक सूचनाएं चोरी की थी।

खुफिया मामलों स्थायी समिति के प्रमुख माइक रोजर्स और रैंकिंग सदस्य डच रपर्सबर्गर ने कहा कि ये आरोप दोनों ही संदर्भों पांचों व्यक्तियों को न्याय के कटघरे तक लाना और अमेरिकी कंपनियों की जासूसी से जुड़े आर्थिक साइबर अपराध को लेकर चीनी सरकार को जिम्मेदार ठहराना, में पहला महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने कहा कि साइबर अपराध की ये जो घटनाएं दिख रही हैं वह कुछ भी नहीं हैं। वास्तव में बहुत कुछ हो रहा है। हर रोज पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के हजारों हैकर चीनी सरकार के आदेश पर अमेरिकी व्यापार से जुड़ी गुप्त सूचनाएं चोरी कर रहे हैं। (भाषा)

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