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मौत के बाद भी चलता रहेगा फेसबुक, ट्विटर

हमें फॉलो करें मौत के बाद भी चलता रहेगा फेसबुक, ट्विटर
, बुधवार, 5 अगस्त 2015 (11:59 IST)
जब कोई व्यक्ति इस दुनिया को छोड़कर चला जाता है तो उसकी वर्चुअल दुनिया में जो पहचान है, जैसे फेसबुक, ट्विटर या गूगल पर जो अकाउंट है, उनका क्या होता है। कई बार आपने देखा होगा कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी उनके फेसबुक और ट्विटर अकाउंट एक्टिव रहते हैं। जानिए यूजर की मौत के बाद इन सोशल प्लेटफार्म की क्या पॉलिसियां हैं। आइए हम आपको बताते हैं। 
फेसबुक ने इसके लिए 'legacy contract' फीचर दिया है। इस फीचर के जर‌िए आप विरासत के तौर पर अपना फेसबुक अकाउंट अपने परिवार के सदस्य या किसी दोस्त को सौंप जा सकता है। आपके द्वारा चयनित व्यक्ति आपके बाद भी फेसबुक पेज को अपडेट करेगा। 
 
लेगेसी कॉन्टेक्ट फीचर के जर‌िए वह व्यक्ति प्रोफाइल पिक्चर, कवर फोटो अपडेट, दोस्तों की फ्रेंड रिक्वेस्ट का जवाब देने भर काम कर सकता है, लेकिन आपके प्राइवेट मैसेज को नहीं पढ़ पाएगा। इस फीचर की शुरुआत अमेरिकी यूजर्स के लिए हो चुकी है।
 
अगर आपके ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो फेसबुक आपका अकाउंट हमेशा के लिए बंद करने का भी विकल्प दे रहा है। फेसबुक ने इस नए फीचर के नियमों को काफी सख्त रखा है। यूजर्स 'legacy contact' के जर‌िए किसी एक को ही अकाउंट का वारिस बना सकता है। अगर किसी परिस्थिति में दोनों व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है तो फिर यह सर्विस काम नहीं करेगी। फिलहाल यह फीचर अभी भारतीय यूजर्स के लिए उपलब्‍ध है।
अगले पन्ने पर, क्या होगा गूगल पर...
 
 

जी मेल और गूगल प्लस जैसी सर्विस देने वाली कंपनी गूगल 'inactive account manager नाम का टूल उपलब्ध करवाती है। इसकी सहायता से आप यह मैनेज कर सकते हैं कि आपकी मौत के बाद आपके अकाउंट का क्या हो। यहां आप एक टाइम लिमिट (6 महीने या 12 महीने) तय कर सकते हैं।
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इसके बाद आपके के अकाउंट का सारा डाटा ऑटोमेटिक्ली डिलीट कर दिया जाएगा।

इसके अलावा आप किसी व्यक्ति को नॉमिनेट भी कर सकते हैं जिसे आपके सारे मेल मिलते रहेंगे। इस सर्विस की मदद से आप केवल जीमेल ही गूगल की किसा भी सेवा को कवर कर सकते हैं। 
अगले पन्ने पर, क्या होगा, ट्विटर का हाल...
 
 

किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद अगर उससे जुड़ा कोई व्यक्ति ट्विटर को इसकी जानकारी देता है तो ट्विटर उस अकाउंट को डिएक्टिवेट कर देता है। इसके मृत व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट की जरूरत होती है क्योंकि बहुत से ट्विटर अपने असली नाम से नहीं होते हैं। 
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इसके अलावा कंपनी मरने वाले व्यक्ति से जुड़ी कुछ और जानकारियां भी मांगता है। जानकारी देने के तीस दिन बाद ट्विटर उस अकाउंट को पर्मानेंटली डिएक्टिवेट कर देता है।

इसके अलावा ट्विटर एप्लीकेशन देने वाले व्यक्ति की इच्छानुसार मरने वाले व्यक्ति के फोटोज भी हटा देता है। (एजेंसियां)

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