Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कूड़ेदान के बदले मुफ्त वाईफाई!

हमें फॉलो करें कूड़ेदान के बदले मुफ्त वाईफाई!
नई दिल्ली। दैनिक जीवन में इंटरनेट की जरूरत के महत्व को समझते हुए कॉमर्स के 2 स्नातकों ने लोगों को स्वच्छता के एवज में मुफ्त वाईफाई देने का फैसला किया है और इस अनूठी पहल का नाम है  'वाईफाई ट्रैश बिन'।
इस पहल के 2 संस्थापकों में से एक प्रतीक अग्रवाल ने कहा कि जब कूड़ेदान (बिन) में कुछ अवांछित (ट्रैश) डाला जाता है तो कूड़ेदान में एक कोड चमकता है जिसका उपयोग मुफ्त वाईफाई के लिए किया जा सकता है।
 
मुंबई निवासी अग्रवाल और उनके सहयोगी राज देसाई ने डेनमार्क, फिनलैंड, सिंगापुर आदि देशों का सघन दौरा किया। उन्हें यह महसूस हुआ कि अपने आसपास की स्वच्छता के लिए लोगों के व्यवहार में बदलाव जरूरी है।
 
प्रतीक ने कहा कि हमने फिनलैंड, डेनमार्क, सिंगापुर जैसे देशों से बहुत मदद ली और इसके लिए एक  व्यवस्था बनाने का फैसला किया। एक बार सप्ताहांत में एक संगीत समारोह के लिए एनएच-7 जाते  समय उन्हें एक विचार सूझा और इसकी परिणति 'वाईफाई ट्रैश बिन' के रूप में हुई।
 
प्रतीक ने कहा कि हमारे मित्रों की तलाश करने में हमें 6 घंटे लगे। न हमारे पास कोई नेटवर्क था और  न ही हम फोन कॉल के जरिए लोगों तक पहुंच सकते थे। हमें आयडिया आया और हमने सोचा कि क्यों  न हॉट स्पॉट्स का उपयोग कर लोगों को वाईफाई मुहैया कराया जाए।
 
स्वच्छता की इस अनूठी पहल में प्रतीक और उनके भागीदार राज देसाई के मित्रों ने भी मदद की। इस  स्वपोषित पहल को एमटीएस से मदद मिली और बेंगलुरु, कोलकाता तथा दिल्ली में सप्ताहांत के विभिन्न  महोत्सवों में यह सफल रहा। फिलहाल यह नहीं चल रहा है। 
 
संस्थापकों ने बताया कि गेल (जीएआईएल) ने उनसे कुछ सवाल पूछे हैं और उनके बीच बातचीत भी जारी है। राज देसाई ने कहा कि हम लोगों के रवैए में बदलाव चाहते हैं। दोनों ने कहा कि वे वाईफाई बिन का एक नेटवर्क स्थापित करना चाहते हैं ताकि लोगों के रवैए में बदलाव लाने में मदद मिले। इस अभिनव प्रयोग की झलक हाल ही में एरिक्सन और सीएनएन-आईबीएन की पहल ‘नेटवर्क्ड इंडिया’ में नजर आई। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi