चूहे चाचा की शादी में, बारिश हुई अपार।
दो सौ लोग बुलाए उसने, पहुंचे केवल चार।।
चले बाराती चारों जिनमें, बिल्ली, गधा, सियार।
शेरू दादा पीछे रह गए, फंस गई उनकी कार।।
गधेराम आगे निकले, था बरफी से प्यार।
बना रहे थे एक योजना, बिल्ली और सियार।।
कार निकाली शेरूजी ने, वे निकले होशियार।
बोले मैं वापस जाता हूं, कीचड़ है भरमार।।
बहुत मनाया चूहे ने पर, किया शेर ने इंकार।
दिखे वहीं दो कुत्ते, भागे बिल्ली और सियार।।
भीग गए फिर चूहे चाचा, उनको हुआ बुखार।
गधेराम को चिट्ठी देकर, पहुंचाया ससुराल।।
खबर मिली लड़की वालों को, चूहा है बीमार।
गधेराम ने बरफी पाई, लौटा अपने द्वार।।