Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मनोरंजक कविता : दम होता है सत्य बात में....

हमें फॉलो करें मनोरंजक कविता : दम होता है सत्य बात में....
webdunia

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

बात 1953 या 54 की है। मैं सागर जिले के रहली नामक स्थान में रहता था। मेरे सहपाठी की 7 वर्षीय‌ छोटी बहन लच्छो टमाटर बेचने आई। भाव 2 पैसे सेर‌ था। मोहल्ले वालों ने उसे फुसलाकर 1 पैसे सेर के भाव से सब टमाटर खरीद लिए। उसके बाद? आंखों देखा हाल।
 

 
लच्छो आई टमाटर बेचे, 
दो आने में सारे बेचे।
 
एक सेर का पैसा एक, 
कितना सुंदर सस्ता रेट।
 
मिले आठ पैसे ही उसको, 
आठ सेर बेचे थे सबको।
 
जब उसकी मां लड़ने आई, 
सबको जोरों से चिल्लाई।
 
इतने सस्ते लिए टमाटर, 
आई नहीं शरम रत्तीभर।
 
छोटी बच्ची को लूटा है, 
सब्र बांध का अब टूटा है।
 
दो पैसे हैं सेर टमाटर, 
बाकी पैसे दो ला लाकर।
 
पैसे अगर नहीं दे पाए, 
यह डंडा हम लेकर आए।
 
सभी टमाटर लेने वाले, 
डर से अस्त्र-शस्त्र सब डाले।
 
दौड़े-दौड़े घर में आए, 
बाकी पैसे झटपट लाए।
 
लच्छो को दे दिए हाथ में, 
दम होता है सत्य बात में।
 
ऐसी और खबरें तुरंत पाने के लिए वेबदुनिया को फेसबुक https://www.facebook.com/webduniahindi पर लाइक और 
ट्विटर https://twitter.com/WebduniaHindi पर फॉलो करें। 

 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi