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अल्पावधि निवेश हेतु बेहतर रहेंगे बाजार

हमें फॉलो करें अल्पावधि निवेश हेतु बेहतर रहेंगे बाजार
मुंबई , रविवार, 29 अप्रैल 2012 (18:58 IST)
आर्थिक सुधारों पर नीतिगत फैसलों की प्रतीक्षा कर रहे बाजार में कंपनियों के अब तक मिले बेहतर तिमाही नतीजों से आगे माहौल सुधरने की उम्मीद है, लेकिन डॉलर के मुकाबले कमजोर पडते रुपए और यूरो क्षेत्र से किसी अनहोनी की आशंका इस पर दबाव बनाए रखेगी जिससे ये एक दायरे में रहेंगे।

देश की ऋण साख के पूर्वानुमान में हुई कटौती तथा यूरो मंडल के देशों में जारी उथल-पुथल के कारण बीते सप्ताह शेयर बाजार गिरावट पर बंद हुए। बॉम्बे शेयर बाजार का सेंसेक्स 186.50 अंक नीचे 17187.34 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 81.85 अंक गिरकर 5209 अंक पर रहा।

आलोच्य सप्ताह बाजार में 5 की बजाए 6 दिवस कारोबार हुआ। वायदा और वैकल्पिक सौदों के लिए बाजार की कार्यप्रणाली में तकनीकी सुधार और क्षमता विस्तार परीक्षण के लिए शनिवार सुबह 11.15 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक विशेष सत्र चलाया गया। इस दौरान दोनों ही सूचकांकों ने मजबूती ली।

आने वाले सप्ताह बाजार पर मानसून सामान्य रहने तथा बैंकिंग सुधारों से जुड़े विधेयक को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने का असर भी दिख सकता है। ऐसे में ये छोटी अवधि के निवेश के लिए बेहतर रह सकते हैं, लेकिन दीर्घावधि के निवेश के लिए इनमें जोखिम रहने की आशंका है।

पिछले छ: सप्ताह से बाजार एक निश्चित दायरे में घूम रहे हैं। सेंसेक्स की तुलना में निफ्टी में ज्यादा कमजोरी दिख रही है। मौजूदा साल के पहले तीन महीनों तक 15 प्रतिशत का रिटर्न देने वाला निफ्टी इस महीने अब तक 2 प्रतिशत गिर चुका है। सेंसेक्स भी 17 हजार के करीब मंडरा रहा है। यह एक ऐसी सीमा पर टिका है, जहां थोड़ी सी भी गिरावट इसे 16 हजार के स्तर पर धकेल सकती है।

रुपया 3 फरवरी के अपने ऊंचे स्तर 48.69 रुपए प्रति डॉलर से 7.3 प्रतिशत घटकर 52.54 रुपए प्रति डॉलर के निचले स्तर पर फिसल गया है। इससे देश में निवेश माहौल प्रभावित हो रहा है

हालांकि ब्रिटेन के एचएसबी ने सेंसेक्स के इस वर्ष अंत तक 19 हजार के स्तर को पार करने की उम्मीद जताई है, पर साथ ही यह भी कहा है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों की बाजार में भागीदारी से ही सबकुछ तय होगा।

वित्त विधेयक में जनरल एंटी एवायडेंस रुल को लेकर अनि‍श्चितता तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर नीतिगत टकराव से पिछले 3 महीनों के दौरान बाजार में 44,037 करोड़ रुपए निवेश करने वाले विदेशी निवेशक अप्रैल में 582 करोड़ रुपए के बिकवाल हो गए। बाजार पर इसका दबाव दिख रहा है।

समीक्षाधीन सप्ताह में सेंसेक्स के जत्थे में शामिल 30 कंपनियों में से 25 नुकसान और महज 5 लाभ में रहीं। नुकसान उठाने वाली प्रमुख कंपनियों में गेल इंडिया 8.72, डीएलएफ 8.08, एयरटेल 5.11, बजाज ऑटो 7.39, भेल 34, एसबीआई 5.96 प्रतिशत और विप्रो 4.38 प्रतिशत घाटे में रहीं।

लाभ कमाने वालों में 10.65 प्रतिशत लाभ के साथ सेंसेक्स में सबसे आगे रहीं। इसके साथ ही दवा कंपनी सन फार्मा 1.88 प्रतिशत, आरआईएल 1.46 और आईटीसी 0.16 प्रतिशत फायदे में रहीं। (वार्ता)

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