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देश में दूध की कोई कमी नहीं-डेयरी उद्योग

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नई दिल्ली , सोमवार, 25 जनवरी 2010 (11:44 IST)
डेयरी उद्योग ने कहा है कि देश में दूध की कोई कमी नहीं है, लेकिन जाड़े में सामान्य तौर पर दूध की आपूर्ति में जो आधिक्य दिखता है, वह इस साल सूखे के कारण नहीं दिख रहा है।

डेयरी उद्योग के एक शीर्ष अधिकारी से जब दूध की आपूर्ति की कुल स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा फिलहाल दूध की कोई कमी नहीं है। अभी तक देश में स्किम्ड दूध पाउडर (एसएमपी) का कोई आयात नहीं हुआ है। अगर कोई कमी होती तो अब तक आयात शुरू हो गया होता, क्योंकि सीमा शुल्क काफी कम यानी पाँच प्रतिशत ही है।

स्किम्ड दूध पाउडर पर आयात शुल्क पहले 10,000 टन के लिए पाँच प्रतिशत है, लेकिन उसके बाद आगे की लिवाली पर 30 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि अन्य मौसमों की तुलना में जाड़े के दौरान आम तौर पर दूध की ज्यादा आपूर्ति होती ही है, लेकिन सामान्य तौर पर अधिशेष दूध की आपूर्ति इस साल नदारद है, संभवत: ऐसा सूखा के कारण या चारा उपलब्धता की स्थिति के कारण है।

डेयरी विशेषज्ञ आरएस खन्ना ने कहा कि सूखे का प्रभाव अब महसूस किया जा रहा है, जहाँ चारे की उपलब्धता कम है। उन्होंने कहा कि केवल कृषि मंत्रालय ही दूध उत्पादन और खपत के आँकड़े रखता है, जबकि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के पास सहकारिता क्षेत्र की सूचनाएँ होती हैं।

भारत में उत्पादन होने वाले दूध का आधा भाग की आपूर्ति का जिम्मा सहकारिता क्षेत्र ही संभालता है, जबकि बाकी 50 फीसदी निजी क्षेत्र के हाथ होता है, जिसमें संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्र शामिल हैं।

पिछले वर्ष देश में दूध उत्पादन 10.85 करोड़ टन के स्तर को लाँघ गया था, लेकिन वर्ष 2020 तक इसकी माँग के 16.6 करोड़ टन तक बढ़ जाने का अनुमान है। (भाषा)

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