निजी क्षेत्र के सबसे बड़े आईसीआईसीआई बैंक ने भरोसा जताया है कि चालू वित्तवर्ष में उसके मुनाफे में बढ़ोतरी होगी। इसके लिए बैंक खर्चों में कटौती के अलावा ऋण की गुणवत्ता सुधारने पर भी ध्यान दे रहा है।
आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर ने कहा कि इस साल हमारा मुनाफा पिछले वित्तवर्ष से बेहतर रहेगा। हम ब्याज मार्जिन में सुधार, खर्चों में कटौती और ऋण गुणवत्ता सुधारने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
वैश्विक आर्थिक संकट के कारण आईसीआईसीआई बैंक के शुद्ध लाभ में 31 मार्च 2009 को समाप्त वित्तवर्ष के दौरान 10 फीसदी की गिरावट आई थी। 1994 में अस्तित्व में आने के बाद पहली बार 2008-09 में आईसीआईसीआई बैंक के पूरे साल के मुनाफे में कमी आई है।
समाप्त वित्तवर्ष में बैंक का शुद्ध लाभ 3758 करोड़ रुपए रहा है, जबकि इससे पिछले वित्तवर्ष में बैंक ने 4158 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया था।
कोचर ने कहा कि विकास की कई दिशाएँ होती हैं। इस साल हमारे विकास में सस्ती लागत का जमा शुद्ध ब्याज मार्जिन और मुनाफे की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
कोचर ने कहा कि पिछले साल बैंक के वित्तीय प्रदर्शन पर खराब आर्थिक माहौल का असर पड़ा, पर उन्हें भरोसा है कि आर्थिक परिदृश्य में सुधार और बैंक द्वारा अपनाई गई रणनीतियों से मुनाफे में सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूँ कि हम जो रणनीतियाँ लागू कर रहे हैं, उनसे सुधार होगा। मुझे भरोसा है कि आर्थिक माहौल में सुधार हो रहा है।
कोचर ने बताया कि पिछले पाँच साल के दौरान बैंक के मुनाफे में सालाना औसतन 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि बैंक के शेयरों पर रिटर्न (आरओई) पिछले तीन साल के दौरान आठ प्रतिशत रहा है। हम आरओई को न केवल दो अंकों में, बल्कि उससे भी ऊपर ले जाना चाहते हैं।