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दिल्ली में 300 करोड़ रुपए की संदिग्ध सर्राफा बिक्री

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 6 जनवरी 2017 (20:54 IST)
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद सबसे बड़े कालाधन रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए आयकर विभाग राष्ट्रीय राजधानी में 300 करोड़ रुपए के संदिग्ध सर्राफा बिक्री सौदों तथा व्यापारियों तथा मिल मालिकों के समूह द्वारा पुराने नोटों में 6 करोड़ रुपए की नकदी बैंकों में जमा कराने के मामलों की जांच कर रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि इस पूरे रैकेट के सरगना की पहचान ए अरोड़ा के रूप में की गई है। अरोड़ा ने कम से कम पांच लोगों का पैसा बैंक खातों में जमा कराया और तुरंत ही उसे आरटीजीएस के जरिये चीनी और आटा मिलों तथा सर्राफा कारोबारियों को स्थानांतरित कर दिया। उन्होंने बताया कि इन करीब दर्जन भर इकाइयों द्वारा 6.72 करोड़ रुपए के पुराने नोट जमा कराए गए। आयकर विभाग ने इन समूहों में कई जगह छापेमारी की है और यह अभी जारी है।
 
अधिकारियों ने कहा कि इन इकाइयों तथा उनके सहयोगियों का नाम का खुलासा इसलिए नहीं किया जा रहा है क्योंकि जांच अभी जारी है। इनमें से कुछ लोगों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) 2016 के तहत भी कालेधन की घोषणा की है।
 
कर अधिकारियों ने दिल्ली के औद्योगिक इलाके में आटा मिलों पर छापेमारी में 15 लाख रुपए भंडार का अंतर पकड़ा है। कई इकाइयों के नाम पर दस्तखत वाली चेक बुक भी पकड़ी गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि समन जारी किए गए हैं और विभाग इन इकाइयों के बैंक लेनदेन की जांच कर रहा है।
 
विभाग ने उन बुलियन कारोबारियों पर भी छापेमारी की है जिन्होंने नोटबंदी के बाद करीब 300 करोड़ रुपए का सोना-चांदी बेचा है। विभाग ने इलेक्ट्रानिक गैजेट और मोबाइल फोन फॉरेंसिक आडिट के लिए भेजा है जिससे आंकड़ों को फिर पाया जा सके। इससे पहले विभाग ने पुरानी दिल्ली क्षेत्र में एक सहकारी बैंक में 120 करोड़ रुपए की जमाओं में भारी अनियमितता पकड़ी थी। (भाषा)

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