Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

किंगफिशर के ब्रांड व ट्रेडमार्क की नीलामी नाकाम

हमें फॉलो करें किंगफिशर के ब्रांड व ट्रेडमार्क की नीलामी नाकाम
मुंबई , शनिवार, 30 अप्रैल 2016 (15:43 IST)
मुंबई। मुश्किलों में घिरे शराब उद्यमी विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस के ब्रांड और ट्रेडमार्कों की नीलामी शनिवार को खाली गई और इनके लिए एक भी खरीदार नहीं आया।

 
कंपनी को कर्ज देने वाले बैंकों ने अपने बकाए की वसूली के सिलसिले में इसकी गिरवी रखी गई इन संपत्तियों को बोली पर चढ़ाया था और बोली 366.70 करोड़ रुपए से शुरू होनी थी।
 
माल्या से कर्ज की वसूली के मामले में एसबीआई के नेतृत्व में 17 बैंकों के समूह को दूसरी बार इस तरह की विफलता हाथ लगी है। इससे पहले इस बंद हो चुकी एयरलाइंस के मुख्यालय किंगफिशर हाउस की नीलामी में भी कोई बोली नहीं मिली थी।
 
शनिवार की नीलामी में किंगफिशर का लोगो, एयरलाइंस का कभी चर्चित रही स्वागत पंक्ति 'फ्लाई दी गुड टाइम्स' चढ़ाया गया था। इसके साथ ही इसके 'फ्लाई मॉडल्स' 'फनलाइनर' 'फ्लाई किंगफिशर' और 'फ्लाइंग बर्ड डेवाइस' जैसे दूसरे ट्रेडमार्क भी रखे गए थे। 
 
इनका आरक्षित मूल्य 366.70 करोड़ रुपए था। आरक्षित मूल्य उस मूल्य का 10वां हिस्सा भी नहीं है जिस पर इन्हें ऋण के लिए रेहन के तौर पर बैंकों को गिरवी रखा गया था। पर सूत्रों ने कहा कि यह आरक्षित मूल्य भी किसी भी बोली लगाने वाले की दृष्टि से काफी ऊंचा था।
 
बैंकिंग सूत्रों ने कहा कि आरक्षित मूल्य को संभवत: बहुत ऊंचा समझा गया इसीलिए कोई बोली नहीं लगी। नीलामी सुबह 11.30 बजे शुरू हुई और 1 घंटे तक खुली रखी गई, पर इसमें कोई कामयाबी नहीं मिली।
 
नीलामी एसीबीआईकैप ट्रस्टी कंपनी ने आयोजित की थी। यह कार्रवाई सर्फेसी अधिनियम (वित्तीय संपत्तियों का प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम) के तहत की गई।
 
किंगफिशर एयरलाइन जब अपने पूरे गौरव पर थी तो ग्राट थॉर्टन ने इसके ब्रांड की कीमत ही 4,000 करोड़ रुपए आंकी थी। किंगफिशर की वार्षिक रिपोर्ट 2012-13 में कहा गया था कि यह भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है और स्काईट्रैक्स ने इसे फाइव स्टार रेटिंग दी है।
 
एक बैंक अधिकारी ने कहा कि इस ब्रांड को खरीदकर इसका उद्धार करने की बजाय नई एयरलाइंस शुरू करना अच्छा होगा। इससे पहले मुंबई में घरेलू हवाई अड्डे के निकट संभ्रांत विले पार्ले स्थित किंगफिशर हाउस की नीलामी में उसका आरक्षित मूल्य 150 करोड़ रुपए रखा गया था। यह इमारत 17,000 वर्गफुट की है।
 
सूत्रों ने कहा कि अब इन दोनों संपत्तियों को नीलाम करने के लिए हो सकता है, इनका आरक्षित मूल्य कम करने का प्रयास किया जाए। बैंकों का किंगफिशर एयरलाइंस पर ब्याज सहित बकाया 9,000 करोड़ रुपए से अधिक का है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कर्नाटक में टेम्पो-बस की टक्कर, सात मरे