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कैसे करें बॉस का बॉस बनने की तैयारी?

हमें फॉलो करें कैसे करें बॉस का बॉस बनने की तैयारी?
, सोमवार, 3 नवंबर 2014 (10:28 IST)
बढ़ते वैश्‍विक बाजार ने युवाओं के लिए रोजगार के कई अवसर पैदा किए हैं। आज नामी कंपनियों के वरिष्‍ठ अधिकारी पहले से अधिक युवा हैं। उदाहरण के लिए आज से कुछ 15-20 साल पहले प्रसिद्ध कंपनियों के अधिकांश सीईओ 50 वर्ष से अधिक आयु वाले होते थे। आज परिवेश बदल रहा है, कंपनियों युवाओं को मौका दे रही हैं और आज बड़ी कंपनियों के सीईओ 35-40 वर्ष के युवा बन रहे हैं।

हाल ही में भारतीय मूल के 42 वर्षीय सुंदर पिचाई को गूगल के सह-संस्‍थापक लेरी पेज द्वारा पदोन्‍नत किया गया है। सुंदर अब गूगल के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट हैं। वे एंड्राइड, क्रोम और एप्‍स के हेड हैं। इस तरह से युवा सीईओ को मौका देने से कंपनियों को युवा बाजार में बेहतरीन फायदा मिल रहा है, क्‍योंकि वे युवा उपभोक्ताओं की मांगों को ज्‍यादा बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। ये युवा आज अपने से उम्र और अनुभव में अधिक लोगों के सीनियर के तौर पर काम कर रहे हैं।  

बहरहाल, इस तरह की बातें सुनकर शायद आपके मन में भी उत्‍सुकता जाग रही होगी कि अपने ऑफिस में ही प्रमोशन के लिए आप क्‍या कर सकते हैं? या आप ऐसा क्‍या करें कि आपको अपने वर्तमान सीनियर्स का सीनियर बनने का मौका मिले? चलिए इस बारे में आप हमारे कुछ टिप्‍स को आज़मा सकते हैं।


अपने सीनियर्स को अपना निर्माता बनाएं : अपने डेवलपमेंट के लिए सही सीनियर्स का चयन बेहद जरूरी है। आप विनम्रता के साथ अपने सीनियर्स से उन सभी बातों को सीखें जो आपको आपके लक्ष्‍य की ओर ले जाएं। सीनियर्स के साथ कभी तर्क न करें, केवल उन्‍हें सुझाव दें।

अपने ईगो या अहम को दरकिनार कर दें : कोई भी कार्यालय या ऑफिस ऐसी जगह होती है, जहां लोग अपने ईगो या अहम को काफी महत्‍व देते हैं, लेकिन हमें अपने विकास के लिए ईगो को साइड लाइन कर देना चाहिए। यदि कोई जूनियर आपको सलाह दे रहा है तो उसे ध्‍यान से सुनें और यदि सीनियर आपको तल्‍ख अंदाज़ में भी कुछ समझा रहा है तो बुरा न मानें।

सहकर्मियों की उम्र का लिहाज़ रखें :  अपने साथ काम करने वाले स्‍टाफमेट्स की उम्र का लिहाज रखना आपका कर्तव्‍य है। कोई भी शख्स चाहे वह आपका जूनियर हो या सीनियर आपको शिष्‍टाचार का पालन जरूर करना चाहिए। कभी-कभी हम काम के तनाव में गुस्‍सा कर बैठते हैं लेकिन आपको ऐसी स्‍थितियों से बचने के लिए तत्‍पर रहना चाहिए।

याद रखें कि आप इंचार्ज हैं : भले ही आपके सब-ऑर्डिनेट आपसे उम्र में बढ़े और अनुभवी हैं, फिर भी काम को सिर्फ उनके भरोसे नहीं छोड़ें। याद रखें कि आप इंचार्ज हैं और काम का पूरी तन्‍मयता से सुपरविज़न करना आपका फर्ज है।

यंग सीएम, सीनियर कैबिनेट :  उदाहरण के लिए आप देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देख सकते हैं, पार्टी में उनसे अधिक अनुभवी नेताओं के होते हुए उन्‍हें मौका दिया गया। इतना ही नहीं आप हमारे देश के मंत्रिमंडल या कैबिनेट का इतिहास देख सकते हैं। अधिकांश राज्‍यों के कैबिनेट के सदस्‍य उम्रदराज़ होते हैं, जबकि मुख्‍यमंत्री अपेक्षाकृत युवा होते हैं।

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