भारत के कप्तान राहुल द्रविड़ ने शनिवार को मेजबान टीम को आखिरी एक दिवसीय मैच जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ को इंग्लैंड की आधी टीम के बराबर बताया है।
अगले सप्ताह दक्षिण अफ्रीका में आयोजित होने वाले ट्वेंटी-20 विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए फ्लिंटॉफ को नेटवेस्ट सिरीज के सातवें और आखिरी एक दिवसीय मैच के लिए टीम में शामिल होने से पहले फिटनेस टेस्ट पास करना पड़ा था।
शनिवार को लॉर्ड्स में भारत के खिलाफ मैच में फ्लिंटॉफ ने 45 रन देकर तीन विकेट लेकर इंग्लैंड को मैच जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ ही इंग्लैंड नेटवेस्ट सिरीज 4-3 से जीत गया।
द्रविड़ ने मैच सात विकेट से हारने के बाद कहा कि टेस्ट हो अथवा एक दिवसीय फ्लिंटॉफ वास्तव में इंग्लैंड की टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। ईमानदारी से कहूँ, तो वह इंग्लैंड की आधी टीम के बराबर हैं।
द्रविड़ ने कहा कि इंग्लैंड की टीम की संरचना में फ्लिंटॉफ की मौजूदगी से बहुत असर पड़ता है। उन्हें पहले गेंदबाज में बदलाव, स्लिप फील्डर और एक बल्लेबाज के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके कारण टीम के प्रदर्शन पर बहुत असर पड़ता है।
फ्लिंटॉफ को गत शुक्रवार को उनके बाएँ टखने में इंजेक्शन दिया गया था तथा कप्तान पॉल कॉलिंगवुड ने कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका में उनके फिटनेस पर निगाह रखेंगे।
कॉलिंगवुड ने कहा कि मुझे लगता है कि फ्लिंटॉफ मैच की शुरुआत में अपनी चोट के कारण कुछ परेशान थे, लेकिन उन्होंने आठवें ओवर में अपनी लय पकड़ ली। हम इसका विश्लेषण करेंगे कि यह टीम के लिए कितना नुकसानदायक है। अपनी ओर से तो वह गेंदबाजी करने को हमेशा तैयार रहते हैं, लेकिन कप्तान होने के नाते आप कोई जोखिम नहीं ले सकते।
कॉलिंगवुड ने कहा कि आप सभी हमेशा फ्लिंटॉफ की चोट के बारे में पूछते रहते हैं और उन्होंने कहा भी कि वह फिट हैं, लेकिन यह भी पूरी तरह सच है कि उनकी चोट में अभी भी थोड़ी सूजन है। कॉलिंगवुड ने कहा कि जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्राड के नई गेंद से शुरुआत करने के बाद आए फ्लिंटॉफ ने पूरी रफ्तार से गेंद फेंकते हुए मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर और राहुल द्रविड़ के महत्वपूर्ण विकेट ले लिए।
फ्लिंटॉफ को गेंदबाजी में पहले बदलाव के रूप में आने पर हमेशा ही फायदा होता है। इसमें कोई शक नहीं कि फ्रेड हमारे लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय बल्लेबाज शुरू में नई बॉल को देखने के लिए प्रयासरत रहते हैं और जब कोई गेंदबाज 90 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने आता है, तो निश्चित रूप से उन्हें खेलने में परेशानी होती है।