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आपराधिक आरोपों से दूर नहीं भागेंगे:बट

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कराची , मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011 (17:04 IST)
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स्पॉट फिक्सिंग के दोषी पाए गए पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व टेस्ट कप्तान सलमान बट ने कहा है कि लंदन पुलिस द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आपराधिक आरोपों से दूर भागने का उनका कोई इरादा नहीं है।

बट ने साथ ही कहा कि वह स्पॉट फिक्सिंग मामले में उन पर लगे 10 साल के प्रतिबंध को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे।

पाकिस्तानी क्रिकेटर ने कहा कि यह कहना गलत है कि वह लंदन नहीं जाएँगे, जहाँ उन्हें 17 मार्च को भ्रष्टाचार के आरोपों पर जवाब के लिए पुलिस द्वारा समन दिया गया है।

क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने बट, मोहम्मद आमिर और मोहम्मद आसिफ पर गलत तरीके से धन लेने और षड्यंत्र रचने के आरोप लगाए थे।

बट ने कहा मेरे पास कुछ भी छुपाने के लिए नहीं है और ना ही मैं इससे दूर भागूँगा। मैं लंदन की अदालत में भी अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए हर आरोप को चुनौती देने जा रहा हूँ।

उन्होंने एक पाकिस्तानी चैनल से कहा दोहा में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद द्वारा सुनाई गई सजा से मैं सहमत नहीं हूँ और मैं स्कॉटलैंड यार्ड और क्राउन प्रोसीक्यूशन के कार्यालय द्वारा मुझ पर दायर मामले को चुनौती देने भी लंदन जाऊँगा।

बट ने कहा कि उन्हें क्रिकेट में वापसी का पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा जो कोई भी यह कह रहा है कि मेरा क्रिकेट करियर पूरा हो चुका है वह गलत है। मैं अभी बस 26 वर्ष का हुआ हूँ और अगर मुझे पंचाट की सजा भी झेलनी पड़ी तब भी मैं इसके पूरे होने पर 30 या 31 साल का होऊँगा और फिर मेरे पास फिर भी चार-पाँच साल क्रिकेट के लिए होंगे।

गौरतलब है कि बट के दस साल की सजा में पाँच साल का निलंबन शामिल है। बट ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उन्हें पूरे पाँच साल की सजा नहीं झेलनी पड़ेगी।

उन्होंने कहा, ‘मैं छह माह का निलंबन पहले ही झेल चुका हूँ। मैं जानता हूँ कि पाँच साल बाद क्रिकेट में वापसी करना मुश्किल है लेकिन 36 और 37 वर्ष की उम्र में भी लोग क्रिकेट खेल रहे हैं।’ बट ने कहा कि सात साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अनुभव से वह जानते हैं कि फिट रहने के लिए क्या जरूरी है।

उन्होंने कहा कि वह आईसीसी पंचाट के निर्णय से सहमत नहीं हैं और इस पंचाट के प्रमुख माइकल बेलोफ और अन्य सदस्यों ने भी आईसीसी से इस फैसले की समीक्षा करने के लिए कहा है। (भाषा)

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