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ओपनरों की नाकामी से भारत परेशान

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 26 अगस्त 2011 (18:30 IST)
टेस्ट श्रृंखला में करारी शिकस्त झेलने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय मैचों में अच्छा प्रदर्शन के लिये प्रतिबद्ध भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खिलाड़ियों की चोट के अलावा सलामी जोड़ियों की लगातार असफलता भी चिंता का विषय बनी हुई है।

पिछले दो साल में भारत की तरफ से एकदिवसीय मैचों में सलामी जोड़ी अपेक्षित शुरुआत देने में नाकाम रही। इस बीच भारत ने जो 63 वनडे मैच खेले उनमें उसने 17 सलामी जोड़ियां आजमाई लेकिन केवल तीन मैच में ही वे शतकीय साझेदारी निभा पाई।

इनमें से दो शतकीय साझेदारियां तो सचिन तेंडुलकर और वीरेंद्र सहवाग की जोड़ी ने निभाई, जो देश की दूसरी सबसे सफल सलामी जोड़ी है। इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की श्रृंखला में तेंडुलकर मौजूद रहेंगे लेकिन उनके साथ पारी का आगाज कौन करेगा, इसको लेकर असमंजस बना हुआ है।

सहवाग फिट नहीं होने के कारण स्वदेश लौट गए जबकि गौतम गंभीर भी चौथे टेस्ट के दौरान सिर में लगी चोट से नहीं उबरे हैं। ससेक्स के खिलाफ अभ्यास मैच में तेंडुलकर के साथ पार्थिव पटेल ने पारी का आगाज किया और यदि गंभीर नहीं खेल पाते हैं तो एकदिवसीय श्रृंखला में भी उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

पार्थिव पिछले साल से सहवाग और तेंडुलकर की अनुपस्थिति में सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाते रहे हैं। उन्होंने इस बीच गंभीर, शिखर धवन, मनोज तिवारी और रोहित शर्मा के साथ पारी की शुरुआत की लेकिन किसी भी समय ये जोड़ियां टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे पाए। पार्थिव और धवन ने जिन चार मैच में पारी का आगाज किया, उनमें दोनों ने केवल 78 जोड़े जिसमें सर्वोच्च साझेदारी 29 रन की रही।

जहां तक तेंडुलकर का सवाल है तो पिछले दो साल में वह पांच जोड़ीदारों के साथ पारी की शुरुआत करने के लिए उतरे। इनमें से सहवाग के साथ उन्होंने 20 मैच में पारी का आगाज किया, जिनमें 44.15 की औसत से 883 रन जोड़े तथा दो शतकीय और चार अर्धशतकीय साझेदारियां निभाई।

तेंडुलकर ने इस बीच एक मैच में राहुल द्रविड़ तथा गंभीर, दिनेश कार्तिक और मुरली विजय के साथ दो-दो मैच में पारी शुरुआत की लेकिन इनमें से किसी के साथ भी उनकी जोड़ी नहीं जम पाई। द्रविड़ के साथ उन्होंने अर्धशतकीय साझेदारी निभाई थी और बेहतरीन फार्म में चल रहे ‘श्रीमान भरोसेमंद’ फिर से उनके साथ पारी का आगाज करने उतर सकते हैं।

द्रविड़ और तेंडुलकर वैसे अब तक कुल सात एकदिवसीय मैचों में पारी की शुरुआत कर चुके हैं जिनमें इन दोनों ने 255 रन जोड़े और दो अर्धशतकीय साझेदारियां निभाई। द्रविड़ को दो साल बाद वनडे टीम में शामिल किया गया है और वह इस श्रृंखला के बाद संन्यास लेने की घोषणा कर चुके हैं।

भारत की वनडे में सबसे सफल जोड़ी तेंडुलकर और सौरव गांगुली की रही है। इन्होंने 136 मैच में 6609 रन जोड़े जिसमें 21 शतकीय साझेदारियां हैं। सहवाग और तेंडुलकर ने 89 मैच में 12 शतकीय साझेदारियों की मदद से 3844 रन जोड़े। टेस्ट टीम की नियमित सलामी जोड़ी गंभीर और सहवाग वनडे में भी 30 मैच में पारी की शुरुआत करके 1537 रन जोड़ चुके हैं। (भाषा)

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