वेस्टइंडीज के खिलाफ हार से सकते में आया भारत सुपर आठ के 'करो या मरो' के मुकाबले में कल जब यहाँ इंग्लैंड से भिड़ेगा तो यह बात उसके जेहन में रहेगी कि इस मैच में शिकस्त टी-20 विश्व कप खिताब बरकरार रखने की उसकी उम्मीदों को ध्वस्त कर सकती है।
वेस्टइंडीज के हाथों सात विकेट की शिकस्त के बाद भारत को अपने अगले दो मैच जीतने ही होंगे। इंग्लैंड के बाद भारत को 16 जून को खिताब के दावेदार दक्षिण अफ्रीका का सामना करना है।
भारत की सेमीफाइनल की डगर कठिन नजर आती है, लेकिन वह 2007 विश्व कप से प्रेरणा ले सकता है जब वह इसी तरह की स्थिति में था और बाद में उसने खिताब अपने नाम किया था।
भारत तब न्यूजीलैंड के हाथों शिकस्त के बाद ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान जैसी टीमों को हराकर चैम्पियन बना था। कप्तान धोनी को जीत की उम्मीद होगी लेकिन यह आसान नहीं होगा क्योंकि उसे बाकी दो मैचों में दो कड़े प्रतिद्वंद्वियों से भिड़ना है।
बांग्लादेश और आयरलैंड की कमजोर टीमों को रौंदने के बाद भारत को जब वेस्टइंडीज की मजबूत चुनौती का सामना करना पड़ा तो भारत का शीर्ष क्रम चरमरा गया था।
रोहित शर्मा, गौतम गंभीर और सुरेश रैना कल के अपने फ्लाप शो की भरपाई करने के इरादे से उतरेंगे जबकि धोनी भी बल्ले से अधिक सफल नहीं रहे हैं। दूसरी तरफ सुपर आठ के अपने पहले मैच में शिकस्त के बाद इंग्लैंड के सामने भी करो या मरो की स्थिति है।
मेजबान टीम को लीग चरण में भी हॉलैंड की कमजोर टीम के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था, लेकिन उसने अगले मैच में पाकिस्तान को हराकर सुपर आठ में जगह बनाई लेकिन धोनी को मेजबान टीम से कड़ी टक्कर की उम्मीद है।
धोनी ने कहा कि यह रोमांचक मैच होगा। उनकी टीम अच्छी है लेकिन मुझे लगता है कि वह दबाव में होंगे क्योंकि यह उनका घरेलू मैदान है। उम्मीद करता हूँ कि हमारी बल्लेबाजी दोबारा नहीं चरमराएगी और हम बड़ा स्कोर खड़ा करने में सफल रहेंगे।
कल वेस्टइंडीज के खिलाफ बल्लेबाजों ने भले ही भारत को निराश किया हो, लेकिन जहीर खान, ईशांत शर्मा और इरफान पठान की तेज गेंदबाजी तिकड़ी ने यहाँ गेंदबाजी के अनुकूल हालातों का फायदा उठाकर अच्छा प्रदर्शन किया।
धोनी के विरोधी कप्तान पॉल कॉलिंगवुड ने अपने सामने मौजूद कड़ी चुनौती को स्वीकार किया, लेकिन साथ ही जोर देकर कहा कि उनकी टीम में भारत को हराने की क्षमता है।
कॉलिंगवुड ने कहा कि भारत के खिलाफ आसान नहीं होगा। हम काफी मुश्किल ग्रुप में हैं, लेकिन हमारे पास अगले कुछ मैच और टूर्नामेंट जिताने वाले खिलाड़ी हैं।
केविन पीटरसन पर इंग्लैंड की जरूरत से ज्यादा निर्भरता पिछले कुछ समय से चिंता का कारण रही है और कॉलिंगवुड को उम्मीद होगी कि ल्यूक राइट और रवि बोपारा जैसे खिलाड़ी भी योगदान देंगे।
इंग्लैंड की गेंदबाजी में भी मजबूती नहीं है क्योंकि तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ स्टुअर्ट ब्राड निरंतर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। दोनों ही टीमें मुश्किल हालातों में हैं लेकिन धोनी ने कहा कि दबाव में उनकी टीम बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होती है।
टीमें इस प्रकार हैं:
भारत: महेंद्रसिंह धोनी (कप्तान), गौतम गंभीर, रोहित शर्मा, युवराजसिंह, सुरेश रैना, यूसुफ पठान, इरफान पठान, हरभजनसिंह, जहीर खान, ईशांत शर्मा, प्रज्ञान ओझा, रवींद्र जडेजा और प्रवीण कुमार में से।
इंग्लैंड: पॉल कॉलिंगवुड (कप्तान), जेम्स एंडरसन, रवि बोपारा, स्टुअर्ट ब्राड, जेम्स फास्टर, रोबर्ट की दिमित्री, मास्करेंहास इओइन, मोर्गन ग्राहम, नेपियर, केविन पीटरसन, आदिल राशिद, ओवैस शाह, रेयान साइडबाटम, ग्रीम स्वान और ल्यूक राइट।